कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने कहा कि यदि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो RSS को पूरे देश में बैन किया जाएगा। उन्होंने संघ पर समाज में नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
RSS Ban Statement: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो RSS को देशभर में कानूनी प्रक्रिया के तहत बैन किया जाएगा। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब विपक्षी दल बार-बार संघ और भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगा रहे हैं।
RSS पर क्यों बोला हमला
प्रियांक खड़गे ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि RSS समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि देश में बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है, और पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि संघ इन गंभीर मुद्दों पर चुप क्यों है और सरकार से सवाल क्यों नहीं पूछता। प्रियांक ने कहा कि RSS की भूमिका केवल सांप्रदायिकता फैलाने की है और अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रतिबंधित किया जाएगा।
जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
प्रियांक खड़गे ने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों—जैसे ED, IT और CBI—पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये एजेंसियां केवल विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई कर रही हैं। उन्होंने पूछा कि RSS की फंडिंग की जांच क्यों नहीं होती और उनकी इनकम का स्रोत क्या है। उनका आरोप था कि संघ के कई लोग हेट स्पीच और संविधान बदलने जैसे बयान देकर भी कानूनी कार्रवाई से बच निकलते हैं।
पहले भी कर चुके हैं बैन की मांग
यह पहली बार नहीं है जब प्रियांक खड़गे ने किसी संगठन पर प्रतिबंध की बात कही है। इससे पहले भी, कर्नाटक विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह बजरंग दल और PFI जैसे संगठनों पर बैन लगाएगी, जो धर्म और जाति के आधार पर समाज को बांटते हैं।
तब भी प्रियांक ने कहा था कि जो भी संगठन राज्य की शांति भंग करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस लिस्ट में RSS और बजरंग दल भी शामिल हैं, तो उन्होंने जवाब दिया था, "कानून तोड़ने वाला चाहे कोई भी हो, कार्रवाई होगी।"
RSS पर पहले भी लग चुका है प्रतिबंध
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। यह संगठन अब तक तीन बार प्रतिबंध का सामना कर चुका है।
1948: महात्मा गांधी की हत्या के बाद, RSS पर 18 महीने तक बैन लगाया गया। तब कहा गया कि बापू की हत्या में संघ की विचारधारा की भूमिका थी।
1975: आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी सरकार ने RSS को बैन कर दिया। यह प्रतिबंध दो वर्षों तक जारी रहा।
1992: अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, संघ पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा। हालांकि, यह केवल 6 महीने तक लागू रहा।