शनि अमावस्या 23 अगस्त 2025 को भाद्रपद अमावस्या पर पड़ रही है। इस दिन भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। देर तक सोना, नाखून या बाल काटना, नशा या तामसिक भोजन करना, गरीब या जानवरों को परेशान करना अशुभ माना जाता है। सही उपाय करने से शनि की कृपा मिलती है और दोषों से मुक्ति संभव होती है।
Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या 23 अगस्त 2025 को भाद्रपद अमावस्या पर पड़ रही है, जिसका शुभ समय 22 अगस्त सुबह 11:55 से 23 अगस्त सुबह 11:35 तक है। यह दिन शनिश्चरी दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस दौरान देर तक सोना, नाखून या बाल काटना, नशा करना, गरीब या जानवरों को परेशान करना, मांसाहार या तामसिक भोजन करना वर्जित है। सही क्रियाएं और दान-पुण्य करने से शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन में दोष कम होते हैं।
शनि दोष और साढ़ेसाती से मुक्ति
शनि अमावस्या विशेष रूप से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति पाने का शुभ अवसर मानी जाती है। यह दिन उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो अपने जीवन में स्थिरता, सफलता और मानसिक शांति चाहते हैं। अमावस्या के दिन चंद्रमा लुप्त होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है। इस वजह से शनि अमावस्या की रात को विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक माना जाता है।
शनि अमावस्या पर बचने योग्य गलतियां
शनि अमावस्या के दिन कुछ कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इनमें सबसे पहली चेतावनी यह है कि देर तक सोना अशुभ होता है। नाखून या बाल काटने से भी सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है। इसके अलावा अमावस्या पर गरीब, मजदूर, जरूरतमंद, कुत्ते और कौवे अगर आपके द्वार आएं तो उन्हें भगाना नहीं चाहिए। ऐसी मदद से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनके विशेष आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता आती है।
शनि अमावस्या पर नमक, तेल और लोहे की वस्तुएं खरीदना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से धन हानि होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अमावस्या की रात को श्मशान, कब्रिस्तान या सुनसान जगहों पर जाने से भी बचना चाहिए। अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं और ऐसे स्थान पर जाने से जीवन में अनिष्ट घटना घट सकती है।
भोजन और व्यवहार में सावधानी
शनि अमावस्या के दिन नशा, मांसाहार और तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है। ऐसा करने से पितरों की कृपा नहीं मिलती और शनि देव भी अप्रसन्न हो सकते हैं। इस दिन किसी भी व्यक्ति को तन या मन से दुखी नहीं करना चाहिए। पेड़ों की कटाई या छटाई से भी पितृ दोष लगता है। इस वजह से इस दिन व्यवहार और कर्म में विशेष सावधानी बरतना जरूरी है।
शनि अमावस्या 2025 की तिथि और समय
भाद्रपद अमावस्या 2025 22 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह अमावस्या 23 अगस्त, शनिवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। इस दो दिवसीय अवधि के दौरान पहले दिन श्राद्ध और पारंपरिक क्रियाएं संपन्न होती हैं, जबकि दूसरे दिन विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं।
अमावस्या के दिन क्या करें
शनि अमावस्या पर विशेष पूजा, उपाय और सतर्कता बरतने से शनि दोष और नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं। अमावस्या के दिन घर की सफाई, दीपक जलाना, दान करना और जरूरतमंदों की मदद करना शुभ माना गया है। गरीब, वृद्ध, मजदूर और पशुओं की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखना आवश्यक है।