बॉलीवुड की चकाचौंध दुनिया अक्सर सिर्फ स्टारडम, ग्लैमर और शोहरत की ही कहानियां बुनती है। लेकिन इन सितारों के पीछे खड़ी शख्सियतें, खासकर उनकी पत्नियां, जिनका संघर्ष कैमरे की नजरों से दूर होता है, उनके दर्द को शायद ही कोई समझ पाता है।
Sunita Ahuja On Govinda: गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने हाल ही में एक फिल्म स्टार की पत्नी होने के अनुभवों और चुनौतियों को लेकर दिल खोलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री में एक अभिनेता की पत्नी को ‘पत्थर का दिल’ रखना पड़ता है, क्योंकि एक्टर अक्सर अपने ज्यादातर समय की भागीदारी को-एक्ट्रेसेस के साथ बिताते हैं। ऐसे में भावनात्मक तौर पर मजबूत रहना बेहद ज़रूरी होता है।
सुनीता ने यह भी स्वीकार किया कि इस पेशे की प्रकृति को समझते हुए अपने जीवनसाथी पर भरोसा करना सबसे अहम होता है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने दोनों बच्चों टीना और यशवर्धन आहूजा को जन्म दिया था, तब गोविंदा आउटडोर शूटिंग में व्यस्त थे।
हीरो की बीवी होना, पत्थर का दिल मांगता है
इंस्टेंट बॉलीवुड को दिए गए इंटरव्यू में सुनीता आहूजा ने जब यह कहा कि “हीरो की बीवी होना, आपको पत्थर का दिल बनाना पड़ता है,” तो उनका दर्द साफ झलकता था। उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर्स को अपनी को-एक्ट्रेसेस के साथ काफी समय बिताना पड़ता है, जो हर पत्नी के लिए मानसिक तौर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सुनीता ने बताया कि जब उनके बच्चों का जन्म हुआ, उस समय गोविंदा अक्सर आउटडोर शूटिंग में व्यस्त रहते थे। ऐसे वक्त में, उन्हें अकेले ही मातृत्व की जिम्मेदारियां निभानी पड़ीं। उन्होंने कहा, एक मां के लिए सबसे नाजुक समय होता है जब वह अपने नवजात बच्चे के साथ होती है, और उस वक्त अगर पति दूर हो, तो हिम्मत की बहुत जरूरत होती है।
भरोसा ही रिश्ता बचाता है
अपने दिल की बात साझा करते हुए सुनीता ने कहा कि यदि पत्नी हर समय शक करती रहे कि उसका पति सेट पर क्या कर रहा है, किसके साथ समय बिता रहा है, तो वह रिश्ता बहुत ज्यादा दिन नहीं टिक सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भरोसे के बिना किसी भी रिश्ते की नींव कमजोर हो जाती है। उनके अनुसार, अगर आप सोचते हैं कि वो जाकर कुछ गलत कर रहा है, तो आपकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। रिश्तों में शक जहर का काम करता है। हमें विश्वास करना ही पड़ता है, वरना आप 30-40 साल साथ कैसे रह पाओगे?
सास-ससुर का मिला साथ
सुनीता आहूजा ने यह भी बताया कि शादी के बाद उन्होंने 13 साल तक अपनी सास के साथ एक ही घर में रहकर जीवन बिताया। उन्होंने कहा कि उनकी सास ने उन्हें अच्छे संस्कार दिए और उन्हें सिखाया कि कैसे एक संयुक्त परिवार में सामंजस्य से रहना है। उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि गोविंदा अपनी मां से बेहद प्यार करते थे और उनके जीवन में सही और गलत की पहचान का रास्ता भी अपनी मां से ही सीखा। गोविंदा ने कभी कुछ गलत नहीं किया। वह अपने परिवार के लिए हमेशा समर्पित रहे हैं, सुनीता ने भावुक होकर कहा।
पारिवारिक जीवन की झलक
गोविंदा और सुनीता की शादी साल 1987 में हुई थी। दोनों के दो बच्चे हैं – बेटी टीना आहूजा, जो बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही हैं, और बेटा यशवर्धन आहूजा, जो फिल्म निर्माण और अभिनय की दिशा में सक्रिय हैं। बॉलीवुड में लंबे समय से सक्रिय रहने के बावजूद, सुनीता ने हमेशा परिवार को प्राथमिकता दी और सार्वजनिक रूप से बहुत कम नजर आईं। लेकिन अब जब उन्होंने खुद को इस तरह खुलकर व्यक्त किया है, तो यह साफ है कि उनके अंदर का संघर्ष वर्षों से भीतर दबा हुआ था।