सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि खराब सड़कों पर यात्रियों से टोल टैक्स नहीं वसूला जा सकता। जोधपुर-पाली हाईवे की जमीनी हकीकत भी इस फैसले को सही ठहराती है, जहां जगह-जगह गड्ढे और अव्यवस्था से लोग परेशान हैं। यह निर्णय देशभर के यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केरल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) सही हालत में नहीं होंगे, तब तक टोल टैक्स वसूली न्यायसंगत नहीं है। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने एनएचएआई की अपील खारिज कर दी। फैसले के बाद जोधपुर-पाली हाईवे की खराब स्थिति चर्चा में है, जहां गड्ढों, आवारा पशुओं और सुविधाओं के अभाव से यात्रियों को भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई NHAI की दलील
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि जब तक सड़कें सही हालत में नहीं होंगी, यात्रियों से टोल वसूलना न्यायसंगत नहीं है। अदालत ने साफ किया कि नागरिक पहले ही कर अदा करते हैं, ऐसे में उन्हें गड्ढों और जर्जर सड़कों पर यात्रा के लिए अलग से पैसा देना मजबूरी नहीं हो सकती।
इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने त्रिशूर जिले के पलियाक्कारा टोल प्लाजा पर खराब सड़क की वजह से टोल वसूली पर रोक लगाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को भी वैध ठहराते हुए कहा कि खराब सड़कें प्रशासनिक विफलता की निशानी हैं।
जोधपुर-पाली हाईवे की हकीकत उजागर
सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बीच एबीपी न्यूज़ ने जोधपुर से पाली हाईवे पर ग्राउंड रिपोर्ट की। रिपोर्ट में सामने आया कि कई जगह सड़कें गड्ढों से भरी हैं, किनारे की सुविधाओं का अभाव है और हाईवे पर अक्सर आवारा पशु आ जाते हैं।
वाहन चालकों का कहना है कि फास्टैग काम न करने पर उनसे डबल रकम वसूली जाती है। यह स्थिति न सिर्फ यात्रियों की जेब पर बोझ डालती है, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालती है।
वाहन चालकों की परेशानी
स्थानीय वाहन चालक जगदीश ने बताया कि हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे हैं और कई बार शिकायत करने के बावजूद सुधार नहीं हुआ। उनके मुताबिक, गड्ढों के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
यात्रियों का कहना है कि जब सड़कें ही सुरक्षित और दुरुस्त नहीं हैं, तो टोल वसूली पूरी तरह अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले ने उनकी उम्मीदें जगा दी हैं कि अब प्रशासन को मजबूर होकर सुधार करना होगा।
टोल वसूली पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद जोधपुर-पाली के अलावा जोधपुर-जयपुर, जोधपुर-बाड़मेर और जोधपुर-नागौर हाईवे पर यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को राहत मिलने की संभावना है।
अदालत ने कहा कि हाईवे का छोटा सा हिस्सा खराब होने से भी सफर घंटों लंबा हो जाता है। सीजेआई गवई ने सवाल उठाया कि जहां एक घंटे की दूरी तय करने में 12 घंटे लगते हैं, वहां टोल लेना कैसे सही ठहराया जा सकता है।