भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी तान्या हेमंत ने साइपन इंटरनेशनल 2025 बैडमिंटन टूर्नामेंट में महिला सिंगल्स का खिताब जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। उन्होंने फाइनल में जापान की खिलाड़ी को सीधे सेटों में मात दी। यह तान्या का चौथा अंतरराष्ट्रीय खिताब है।
Saipan International Badminton 2025: भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी तान्या हेमंत ने उत्तरी मारियाना आइलैंड में खेले जा रहे साइपन इंटरनेशनल 2025 में महिला सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की गैर-वरियता प्राप्त खिलाड़ी कानाए सकाई को सीधे 2 सेटों में मात दी। 21 साल की तान्या ने इस जीत के साथ अपना चौथा अंतरराष्ट्रीय खिताब हासिल किया। टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन लगातार शानदार रहा, जिससे फैंस उत्साहित नजर आए।
तान्या का फाइनल प्रदर्शन
फाइनल मुकाबले में तान्या ने पहले सेट में जापानी खिलाड़ी को 15-10 के अंतर से हराया। उन्होंने पूरे सेट में संयम और आक्रामक खेल का मिश्रण दिखाया। दूसरे सेट में भी तान्या ने अपनी पकड़ बनाए रखते हुए 15-8 से सेट अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही उन्होंने साइपन इंटरनेशनल 2025 का महिला सिंगल्स खिताब हासिल कर लिया।
यह टूर्नामेंट BWF के 3×15 स्कोरिंग सिस्टम टेस्ट इवेंट का हिस्सा था। इसमें सामान्य 21 अंकों वाले गेम की बजाय प्रत्येक गेम को 15 अंकों तक खेला गया। इस बदलाव ने खिलाड़ियों के लिए खेल में अतिरिक्त रणनीति और मानसिक दबाव का सामना करना आवश्यक बना दिया।
तान्या का इंटरनेशनल सफर
यह तान्या हेमंत का चौथा इंटरनेशनल खिताब है। इससे पहले उन्होंने 2022 में इंडिया इंटरनेशनल, 2023 में फज्र इंटरनेशनल और 2024 में बेंडिगो इंटरनेशनल टूर्नामेंट अपने नाम किया था। साइपन इंटरनेशनल में जीत के साथ ही तान्या ने यह साबित कर दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रदर्शन कर सकती हैं और भारत के लिए बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की क्षमता रखती हैं।
तान्या का यह प्रदर्शन न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय बैडमिंटन में महिला खिलाड़ियों की बढ़ती ताकत और निरंतरता को भी दर्शाता है। उनके खेल की स्थिरता और मानसिक मजबूती युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
टूनामेंट में भारत के अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन
जहां तान्या ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा।
- पुरुष सिंगल्स में श्रवणथ साई सूरी राउंड ऑफ 32 में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
- महिला सिंगल्स में नैशा कौर भटोये, अनन्या प्रवीण और तनिष्क ममिला पल्ली राउंड ऑफ 16 तक पहुँचने के बाद हार गईं।
हालांकि तान्या ने इस निराशाजनक परिदृश्य में भारतीय बैडमिंटन का मान बढ़ाया। उन्होंने सेमीफाइनल में क्वालिफाइंग राउंड के बाद जापान और सिंगापुर की खिलाड़ियों को मात देकर फाइनल तक का रास्ता आसान नहीं बल्कि कठिन मुकाबलों से पार किया।
क्वार्टर और सेमीफाइनल की सफलता
तान्या ने टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर की खिलाड़ी को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। वहां उन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए अपने आप को मानसिक और तकनीकी रूप से फाइनल के लिए तैयार किया। उनके खेल में आक्रामक और संयमित रणनीति का संतुलन साफ देखने को मिला।
फाइनल में भी तान्या ने संयम और धैर्य का परिचय देते हुए प्रत्येक पॉइंट पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। उनके द्वारा अपनाए गए फटाफट रैकेट मूवमेंट, तेज सर्विस और स्ट्रेट लाइन शॉट्स ने जापानी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी और अंततः उन्हें मात देनी पड़ी।
तान्या हेमंत की यह जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उनके प्रदर्शन ने दिखा दिया कि भारतीय महिला खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टॉप रैंकिंग खिलाड़ियों के साथ मुकाबला करने में सक्षम हैं। इस सफलता से वह अगले बड़े टूर्नामेंटों और BWF सुपरसीरीज में भारत की उम्मीदों को मजबूती देंगी।