कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने ट्रंप की भारत-पाक शांति स्थापित करने की भूमिका की तारीफ की। भारत ने यह दावा सिरे से खारिज कर दिया। इससे द्विपक्षीय संबंध और ट्रंप की विवादित टिप्पणियाँ चर्चा में हैं।
America: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप परिवर्तन (Change) को पसंद करने वाले व्यक्ति हैं और उन्होंने भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के बीच शांति (Peace) स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालाँकि भारत ने ट्रंप के इस दावे को पहले ही खारिज कर दिया है।
मार्क कार्नी ने व्हाइट हाउस में की ट्रंप की तारीफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करने में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी पीछे नहीं रहे। व्हाइट हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि ट्रंप एक ऐसे राष्ट्रपति हैं जो परिवर्तन को स्वीकार करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था (Economy) में सुधार, नाटो (NATO) सहयोगियों द्वारा रक्षा खर्चों में बढ़ोतरी, भारत और पाकिस्तान से लेकर अजरबैजान और आर्मेनिया तक शांति स्थापित करना – ये सभी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का परिणाम हैं। कार्नी ने कहा कि ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर परिवर्तन को दिशा दी है और उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी शांति के लिए प्रयास किए हैं।
ट्रंप को खुश करने की कोशिश में कनाडा?
गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ महीने पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और कनाडा को अमेरिका में मिलाने की धमकी दी थी। बताया जा रहा है कि मार्क कार्नी मार्च में कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे और यह उनकी दूसरी अमेरिकी यात्रा थी। माना जा रहा है कि कार्नी के इस बयान का उद्देश्य ट्रंप के साथ संबंधों को सुधारना और अमेरिका को संतुष्ट करना है।
भारत ने सिरे से खारिज किया ट्रंप का युद्धविराम दावा
ट्रंप भले ही दावा कर रहे हों कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (Ceasefire) कराया, लेकिन भारत ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। भारत ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई को स्थगित करने में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ विवादों को द्विपक्षीय (Bilateral) रूप से सुलझाता है और इसमें किसी अन्य देश की मध्यस्थता (Mediation) स्वीकार नहीं की जाती।
पहलगाम हमले के बाद चला था ‘ऑपरेशन सिंदूर’
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया था। इस दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। भारतीय सेना की इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे। भारत ने स्पष्ट कहा था कि यह कार्रवाई आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ थी और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं थी।