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ट्रिपिंग और ओवरबिलिंग पर सख्त हुए सीएम योगी, अधिकारियों को दी अंतिम चेतावनी

ट्रिपिंग और ओवरबिलिंग पर सख्त हुए सीएम योगी, अधिकारियों को दी अंतिम चेतावनी

उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सख्त नजर आए। बुधवार को आयोजित ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक बिजली कटौती को लेकर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने दो टूक कहा कि यह समस्याएं अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि शासन की संवेदनशीलता और जनता के विश्वास से जुड़ा मुद्दा बन चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को सुधार की अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि जवाबदेही तय की जाएगी और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।

रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति के बावजूद नहीं चलेगी लापरवाही

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने अब तक की सबसे अधिक 31,486 मेगावाट बिजली की मांग सफलतापूर्वक पूरी की। इस दौरान राज्यभर में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई।
भीषण गर्मी और उमस के बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 18 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री ने इसे ऊर्जा विभाग की बड़ी उपलब्धि तो बताया, लेकिन साथ ही आगाह किया कि इन आँकड़ों के पीछे छिपी वास्तविक समस्याओं पर भी गंभीरता से काम करने की जरूरत है।

फीडरों की तकनीकी जांच और ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड का निर्देश

मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की बढ़ती शिकायतों पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिया कि हर फीडर की तकनीकी जांच कराई जाए। जहां भी सिस्टम में कमजोर कड़ियां हों, उनकी तुरंत मरम्मत की जाए।
उन्होंने कहा कि ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता को जरूरत के मुताबिक तत्काल बढ़ाया जाए, ताकि ओवरलोडिंग से उपभोक्ताओं को परेशानी न हो। सीएम योगी ने फील्ड से मिलने वाली शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

हर उपभोक्ता को मिले सही और समय पर बिजली बिल

बिलिंग व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि हर उपभोक्ता को हर महीने सही, पारदर्शी और समय पर बिजली बिल मिलना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि फॉल्स बिलिंग या ओवरबिलिंग से न केवल उपभोक्ताओं का भरोसा टूटता है, बल्कि विभाग की साख भी प्रभावित होती है।
उन्होंने बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाने और शिकायतों के त्वरित समाधान की बात कही। बैठक में बताया गया कि अब तक 31 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा चुका है और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक तेजी से विस्तार दिया जा रहा है।

बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की तैयारी

बिजली उत्पादन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य की मौजूदा विद्युत उत्पादन क्षमता 11,595 मेगावाट है। इसमें थर्मल, हाइड्रो, नवीकरणीय और केंद्र सरकार की परियोजनाएं शामिल हैं।
घाटमपुर और मेजा जैसी बड़ी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद अगले दो वर्षों में यह क्षमता 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन प्रोजेक्ट्स की सतत निगरानी और समयबद्ध पूर्णता के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए उत्पादन क्षमता में निरंतर वृद्धि जरूरी है।

किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने पर जोर

कृषि क्षेत्र की जरूरतों पर बात करते हुए सीएम योगी ने कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
इससे किसानों को स्थायी राहत मिलेगी और पारंपरिक बिजली पर निर्भरता भी घटेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में किए गए सुधारों का सीधा लाभ प्रदेश के किसानों तक पहुंचना चाहिए।

सीएम योगी का साफ संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है। बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी लेने के बाद हर स्तर पर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।

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