बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच रजौली विधानसभा सीट पर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। रजौली सीट बिहार के नवादा जिले में स्थित है और यह पिछले चुनावों से ही राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती रही है।
रजौली: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और सभी राजनीतिक दल अपने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। हर पार्टी की कोशिश है कि जनता का समर्थन उसे मिले। रजौली विधानसभा सीट बिहार के नवादा जिले में स्थित है। 2020 के चुनाव में इस सीट पर RJD के प्रकाशवीर ने भाजपा के कन्हैय्या कुमार को 12,593 वोटों के अंतर से हराया था।
इस बार बिहार की सियासत में कई नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं। एक ओर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी जनसुराज मैदान में है, जो पुराने समीकरणों को बदल सकती है। वहीं, RJD से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी चुनाव में भाग लेने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।
पिछले चुनावों के नतीजे
रजौली विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों में RJD ने दबदबा बनाया है।
- 2020 विधानसभा चुनाव: इस बार RJD के प्रकाशवीर ने भाजपा के कन्हैय्या कुमार को 12,593 वोटों के बड़े अंतर से हराया। प्रकाशवीर को कुल 69,984 वोट मिले, जबकि कन्हैय्या कुमार को 57,391 वोट प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार अर्जुन राम रहे, जिन्हें 14,394 वोट मिले।
- 2015 विधानसभा चुनाव: RJD के प्रकाशवीर ने इस सीट पर भाजपा के अर्जुन राम को 4,615 वोटों के अंतर से परास्त किया था। प्रकाशवीर को 70,549 वोट मिले, जबकि अर्जुन राम 65,934 वोटों पर सिमट गए। तीसरे स्थान पर CPI (ML) के विनय पासवान रहे, जिन्हें केवल 2,987 वोट ही मिले।
इन नतीजों से यह साफ है कि रजौली सीट पर RJD की मजबूत पकड़ रही है, लेकिन मार्जिन और मुकाबले का अंदाज हर चुनाव में बदलता रहा है।
2025 का चुनाव और सियासी माहौल
इस बार रजौली विधानसभा सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प नजर आ रहा है। पिछली बार की तुलना में इस चुनाव में नई राजनीतिक ताकतें भी मैदान में हैं। प्रमुख सियासी घटनाएं इस प्रकार हैं:
- जनसुराज पार्टी का एंट्री: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी जनसुराज पहली बार बिहार के विधानसभा चुनाव में मैदान में है। यह नई पार्टी अपने दम पर वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे परंपरागत दलों के लिए चुनौती पैदा हो सकती है।
- तेज प्रताप यादव की चुनौती: RJD से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी चुनाव में अपनी ताकत आजमा रहे हैं। उनका मुकाबला पार्टी की मजबूत पकड़ और नए उम्मीदवारों से होगा।
- जनता का फैसला: रजौली सीट पर पिछले दो चुनावों में RJD की जीत ने यह संकेत दिया है कि पार्टी के प्रति जनता का भरोसा मजबूत है। हालांकि, नई राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत उम्मीदवारों की एंट्री ने इस सीट पर चुनाव को और अनिश्चित बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रजौली सीट पर RJD की जीत की संभावनाएं अभी भी मजबूत हैं, लेकिन यह मुकाबला आसान नहीं होगा। नई पार्टी और निष्कासित नेताओं की मौजूदगी ने चुनावी परिदृश्य में गतिशीलता ला दी है।