अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि इजरायल और हमास गाजा में शांति योजना (Peace Plan) के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं। समझौते के तहत मानवीय सहायता और बंदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
World Update: अमेरिकी राष्ट्रपति (Donald Trump) ने इजरायल और हमास के बीच जारी लंबे युद्ध को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक घोषणा की है। ट्रंप ने बताया कि दोनों पक्षों ने अमेरिका की मध्यस्थता (mediation) में तैयार की गई शांति योजना (peace plan) के पहले चरण पर सहमति जताई है। उन्होंने इसे गाजा में स्थायी युद्धविराम (ceasefire) और स्थिरता की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
ट्रंप की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहा संघर्ष अब खत्म होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने पहले चरण के समझौते (first phase agreement) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो आने वाले समय में स्थायी शांति (permanent peace) की नींव रखेगा। ट्रंप ने इसे “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कदम (historic and unprecedented step)” बताया।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि अमेरिका ने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्ष रुख (neutral stance) अपनाया और सभी पक्षों के हितों को ध्यान में रखा। ट्रंप ने कतर, मिस्र और तुर्की को भी मध्यस्थता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह अरब जगत, मुस्लिम समुदाय, इजरायल, पड़ोसी देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महान दिन है। सभी बंधकों (hostages) को बहुत जल्द रिहा किया जाएगा और इजरायल अपनी सेना को एक निश्चित सीमा तक वापस बुला लेगा।”
पहले चरण की रूपरेखा
शांति योजना के पहले चरण में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। गाजा में मानवीय सहायता (humanitarian aid) पहुंचाने के लिए पांच प्रमुख क्रॉसिंग पॉइंट्स (crossing points) को तुरंत खोला जाएगा ताकि जरूरतमंद नागरिकों को भोजन, दवाएं और राहत सामग्री पहुंचाई जा सके।
इसके अलावा, गाजा वापसी मानचित्र (Gaza return map) में संशोधन किया जाएगा ताकि नागरिक क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। समझौते के तहत हमास 20 इजरायली बंदियों को रिहा करेगा जबकि इजरायल भी अपनी जेलों में बंद कई फिलिस्तीनी कैदियों (Palestinian prisoners) को छोड़ेगा।
रिहाई की यह प्रक्रिया अगले 72 घंटों में पूरी की जानी है। यह शांति योजना की सफलता का पहला परीक्षण (first test of success) माना जा रहा है।
नेतन्याहू का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने इस समझौते को एक कूटनीतिक सफलता (diplomatic success) बताया। उन्होंने कहा कि यह हमारे सभी बंधकों की वापसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
नेतन्याहू ने कहा, “मैंने शुरू से स्पष्ट कर दिया था कि जब तक हमारे सभी बंधक घर नहीं लौटते और हमारे लक्ष्य पूरे नहीं होते, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयास, हमारे सैनिकों के साहस और हमारी जनता की दृढ़ता ने यह संभव किया।”
उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता इजरायल के लिए एक नैतिक विजय (moral victory) है और यह दिखाता है कि मजबूत इच्छाशक्ति और सहयोग से असंभव भी संभव हो सकता है।
मिस्र में हुई वार्ता से निकला समझौता
इजरायल और हमास के बीच यह समझौता मिस्र (Egypt) में कई दिनों तक चली गहन वार्ता के बाद संभव हुआ। इन बैठकों में अमेरिका, इजरायल, मिस्र और कतर के वार्ताकार मौजूद थे। उन्होंने मिलकर ट्रंप के प्रस्तावित पीस प्लान (Peace Plan) की रूपरेखा तैयार की।
सूत्रों के अनुसार, वार्ता के दौरान सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि दोनों पक्ष सीजफायर (ceasefire) और बंदी रिहाई की शर्तों पर एकमत हों। लेकिन लगातार बातचीत और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आखिरकार एक प्रारंभिक सहमति बन पाई।
कैसे शुरू हुई थी जंग
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था जब हमास के आतंकियों ने इजरायल पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में लगभग 1200 लोगों की मौत हुई और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पर व्यापक सैन्य हमले (military operations) शुरू किए।
इस जंग में अब तक 67,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर गाजा के नागरिक शामिल हैं। लाखों लोग बेघर हो गए और क्षेत्र की बुनियादी संरचना (infrastructure) तबाह हो गई। लगातार बमबारी और हिंसा ने गाजा को मानवीय संकट (humanitarian crisis) के केंद्र में ला दिया।