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Uttarkashi Cloudburst: बादल फटने से उत्तरकाशी में तबाही, निर्माण साइट पर मची अफरा-तफरी

Uttarkashi Cloudburst: बादल फटने से उत्तरकाशी में तबाही, निर्माण साइट पर मची अफरा-तफरी

उत्तरकाशी में बादल फटने से निर्माणाधीन होटल में काम कर रहे 9 मजदूर लापता हो गए। यमुनोत्री हाईवे का 10 मीटर हिस्सा बहा। राहत और बचाव कार्य जारी है।

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलिगढ़ के पास शनिवार रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। यह घटना रात करीब तीन बजे पालीगाड़ से लगभग चार किलोमीटर आगे सिलाई बैंड क्षेत्र में हुई। इस दौरान निर्माणाधीन होटल की साइट पर काम कर रहे मजदूरों का कैंप जलप्रवाह और मलबे की चपेट में आ गया। हादसे में नौ मजदूर लापता हैं।

होटल साइट पर लापता हुए 9 मजदूर

सिलाई बैंड के पास एक होटल का निर्माण कार्य चल रहा था। इस होटल में काम कर रहे करीब 19 मजदूर साइट से लगे कैंप में रुके हुए थे। रात के समय बादल फटने से अचानक तेज बहाव आया और 9 मजदूर उसकी चपेट में आ गए। लापता मजदूरों की पहचान दूजे लाल (55), केवल थापा (43), रोशन चौधरी (40), विमला धामी (36), मनीष धामी (40), कालूराम चौधरी (55), बाबी (38), प्रिंस (20), और छोटू (22) के रूप में हुई है। जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य ने यह जानकारी साझा की है।

हाइवे का 10 मीटर हिस्सा बहा

बादल फटने के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का करीब 10 मीटर हिस्सा जलप्रवाह और मलबे में बह गया है। इससे मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। इस राजमार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है और पुनर्निर्माण कार्य में समय लग सकता है। जिला प्रशासन और संबंधित विभाग मार्ग को खोलने के प्रयास में जुटे हैं।

मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी

घटना की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। SDRF के अधिकारियों के अनुसार लापता मजदूरों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं, इलाके में लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई आ रही है।

उत्तरकाशी समेत कई जिलों में मूसलाधार वर्षा का कहर

उत्तरकाशी के अलावा चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भी भारी वर्षा का कहर देखा गया। चमोली जनपद में कमेडा-नंदप्रयाग क्षेत्र में मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया है। भूस्खलन और जलभराव के चलते बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर कई जगह यातायात प्रभावित हुआ है। बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-58 और 107 पर जगह-जगह मलबा आने की सूचना है।

मंदाकिनी और अलकनंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर

रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में स्थित केदारनाथ और बद्रीनाथ क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। दोनों जिलों की पुलिस ने नदी किनारे बसे गांवों के निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। साथ ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अनुरोध किया गया है कि वे नदी किनारे न जाएं और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें।

सिरोबगड़ में भी बाधित हुआ हाईवे

रुद्रप्रयाग जनपद और पौड़ी जिले की सीमा पर स्थित सिरोबगड़ क्षेत्र में भी भूस्खलन और मलबा आने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहां पर तैनात पुलिस बल ने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था की है। कार्यदाई संस्था मार्ग को खोलने के प्रयास कर रही है ताकि यातायात बहाल हो सके।

उत्तराखंड प्रशासन ने लगातार बारिश और पर्वतीय क्षेत्रों में जलप्रवाह बढ़ने की चेतावनी दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचें और मौसम की जानकारी लेने के बाद ही किसी स्थान की ओर प्रस्थान करें।

भविष्य की सुरक्षा को लेकर निर्देश

जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ भविष्य की आपात स्थितियों से निपटने की दिशा में भी काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। क्षेत्र में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है और अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा सके।

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