उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आजम खान और इरफान सोलंकी के जेल में होने पर सवाल उठाए। पांडेय ने सरकार पर गरीब ब्राह्मणों के साथ अन्याय, पुलिस द्वारा जबरन वसूली और शिक्षा क्षेत्र में निवेश की कमी का आरोप लगाया। इटवा और फतेहपुर की घटनाओं को उदाहरण बताया।
Uttar Pradesh: नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने 14 अगस्त को मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आजम खान और इरफान सोलंकी के जेल में बंद होने के मुद्दे को उठाते हुए पूछा कि ये किस अपराध के लिए सजा भुगत रहे हैं। पांडेय ने पुलिस द्वारा गरीबों से जबरन वसूली, पीडीए पर विवाद और शिक्षा क्षेत्र में बजट की कमी का भी आरोप लगाया। इटवा में रैन बसेरा गिरवाने और फतेहपुर की घटनाओं को सामाजिक अखंडता के लिए खतरा बताया।
आजम खान और इरफान सोलंकी का मुद्दा
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन 14 अगस्त 2025 को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने विशेष रूप से आजम खान और इरफान सोलंकी के जेल में बंद होने का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि ये किस अपराध के लिए सजा भुगत रहे हैं। पांडेय ने आरोप लगाया कि गरीब ब्राह्मणों के साथ अन्याय हो रहा है, जबकि कई अपराधी खुले घूम रहे हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में रहकर सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही है और जनता की सुरक्षा तथा न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
शिक्षा और अनुसंधान पर चिंता
माता प्रसाद पांडेय ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्राइमरी शिक्षा की हालत सुधार की जरूरत है, लेकिन उच्च शिक्षा और शोध तथा अन्वेषण के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाना आवश्यक है। पांडेय ने सरकार से मांग की कि शिक्षा के क्षेत्र में बजट आवंटन बढ़ाया जाए ताकि छात्रों को बेहतर अवसर मिलें और राज्य में शैक्षणिक मानक ऊंचे उठ सकें।
उन्होंने बताया कि शोध और उच्च शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया तो राज्य का ज्ञान-संपन्न विकास प्रभावित होगा और युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में कठिनाई होगी।
पुलिस और स्थानीय विवादों पर आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस की गतिविधियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभिन्न धाराओं का डर दिखाकर आम लोगों से जबरन पैसे वसूलती है। पांडेय ने सपा के सियासी नारे पीडीए का जिक्र करते हुए पूछा कि सरकार को पीडीए से क्या परेशानी है, जबकि यह उन्हें सत्ता में लाया।
पांडेय ने अपने विधानसभा क्षेत्र इटवा के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां .22 हेक्टेयर जमीन पर गरीब हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग जाते थे। धीरे-धीरे 4-500 लोग इकट्ठा होने लगे, जिसे सरकार के एक नेता की नजर खटकने लगी। उन्होंने रैन बसेरा बनवाया, लेकिन कलेक्टर ने बिना जांच के उसे गिरवा दिया। उन्होंने फतेहपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयाँ सामाजिक एकता और अखंडता के लिए चुनौती हैं।