Vakratunda Chaturthi 2025 इस साल 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति और मंत्रों का जप करने से जीवन में सुख-सौभाग्य, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति आती है। विशेष अवसर पर दान-पुण्य और व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और सभी विघ्न दूर होते हैं। यह पर्व विशेष रूप से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ता है।
Vakratunda Chaturthi: इस साल Vakratunda Chaturthi 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। भारत में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर यह पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा कर भक्ति भाव से मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे जीवन में सुख, सौभाग्य, मानसिक शांति और आर्थिक समृद्धि आती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, गणेश पूजा से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है, जो वाणी, बुद्धि और व्यापार के लिए लाभकारी है। साथ ही, इस अवसर पर दान-पुण्य करने और व्रत रखने से अतिरिक्त आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
गणेश पूजा का महत्व और लाभ
Vakratunda Chaturthi पर भगवान गणेश की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी सभी विघ्नों के हरने वाले हैं। इस दिन व्रत रखकर भक्ति भाव से मंत्रों का जाप करने से साधक की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही, कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होने से व्यापार और वाणी संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
साधक इस दिन गंगा स्नान करके भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूजा के दौरान व्रत रखने से सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। विवाहित महिलाएं इस दिन करवा चौथ व्रत भी रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। धार्मिक दृष्टि से यह दिन दान-पुण्य और उपवास का भी अत्यंत शुभ अवसर माना गया है।
मंत्रों का जाप और विधि
Vakratunda Chaturthi पर पूजा करते समय इन शक्तिशाली गणेश मंत्रों का जाप करने से लाभ बढ़ता है। इन मंत्रों में शामिल हैं:
- ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
- ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
- गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्नराजक :।।
- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
- दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
ये मंत्र पढ़ने से साधक के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। मंत्रों का जप शांत वातावरण में बैठकर, दीपक जलाकर और भक्ति भाव से करना शुभ माना जाता है।
ऋणमुक्ति और सौभाग्य के लिए विशेष स्तोत्र
- ॐ स्मरामि देवदेवेशं वक्रतुण्डं महाबलम्।
- षडक्षरं कृपासिन्धुं नमामि ऋणमुक्तये।
- महागणपतिं वन्दे महासेतुं महाबलम्।
इन स्तोत्रों का जाप करने से व्यक्ति अपने ऋणों से मुक्ति पाता है और जीवन में धन, सुख और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, त्रिसन्ध्य में इन मंत्रों का पाठ विशेष लाभकारी माना गया है।
पूजा का समय और पंचांग
- तिथि आरंभ: 10 अक्टूबर सुबह 10:35
- तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर सुबह 11:12
- सूर्योदय: 06:23
- सूर्यास्त: 17:49
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:43 – 05:33
- विजय मुहूर्त: 14:01 – 14:46
- गोधूलि मुहूर्त: 17:49 – 18:14
- निशिता मुहूर्त: 23:41 – 00:32
इस समय का ध्यान रखते हुए पूजा और व्रत का पालन करने से आध्यात्मिक लाभ और पुण्य फल अधिक मिलता है।
दान-पुण्य और शुभ कार्य
इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना गया है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन देने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दान से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में बाधाएं कम होती हैं।
साथ ही, व्रत और भजन-कीर्तन करने से साधक के मन में शांति आती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। युवा और बुजुर्ग सभी इस दिन पूजा और व्रत का पालन कर अपने जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं।