वाराणसी में सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई सुर्खियों में है। कचहरी गोलघर से संदहा तक अतिक्रमण हटाने के दौरान कई मकानों को नोटिस दिया गया, जिनमें पूर्व हॉकी कप्तान और पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल है। परिवार ने विकास परियोजनाओं से आपत्ति नहीं जताई, लेकिन उचित मुआवजे की मांग की है।
वाराणसी, उत्तर प्रदेश: कचहरी गोलघर चौराहा से संदहा तक सड़क चौड़ीकरण के लिए योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के तहत कई अतिक्रमण हटाए गए। इस अभियान में भारत के पूर्व हॉकी कप्तान और पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल है। मोहम्मद शाहिद के भतीजे मोहम्मद कैश ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उन्हें कार्रवाई की सूचना दी गई है और परिवार विकास परियोजनाओं का समर्थन करता है, लेकिन अगर मकान ध्वस्त होता है तो उन्हें उचित मुआवजा, जिसमें कंस्ट्रक्शन और जमीन के रेट शामिल हों, मिलना चाहिए। प्रशासन ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है।
बुलडोजर कार्रवाई के तहत मोहम्मद शाहिद का घर शामिल
वाराणसी में योगी सरकार के सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुर्खियों में है। बीते रविवार को कचहरी गोलघर चौराहे से संदहा तक वाराणसी जिला प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाया। इसी प्रक्रिया के तहत अब कुछ और मकान भी चौड़ीकरण की जद में हैं, जिनमें भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल है।
मोहम्मद शाहिद के भतीजे मोहम्मद कैश ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि उन्हें कार्रवाई की सूचना पहले से मिली थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिवार को सरकार की विकास परियोजनाओं से कोई आपत्ति नहीं है। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है और स्थानीय लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगले चरण में किन मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई होगी।
मुआवजा और जमीन के रेट का मसला
वाराणसी के कचहरी मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण अभियान में कई मकानों को नोटिस जारी किया गया है। मोहम्मद शाहिद के मकान पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन आसपास के क्षेत्र में पहले ही कुछ मकान ध्वस्त किए जा चुके हैं।
भतीजे मोहम्मद कैश ने कहा कि अगर मकान ध्वस्त करना पड़ता है तो उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इसमें निर्माण लागत के साथ-साथ जमीन के रेट के आधार पर राशि शामिल हो। परिवार का कहना है कि यह मुआवजा तय करना जरूरी है ताकि सड़क चौड़ीकरण अभियान में सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखा जा सके।
भारतीय हॉकी के चमकते सितारे
भारतीय हॉकी के इतिहास में मोहम्मद शाहिद का नाम एक प्रेरक सितारे के रूप में याद किया जाता है। वह 1980 मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे और एशियाई खेलों में भारत को मिले रजत व कांस्य पदक में उनका योगदान अहम रहा।
उनकी उपलब्धियों को देखते हुए 1980-81 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार और 1986 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। 20 जुलाई 2016 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान और खेल के प्रति समर्पण आज भी बनारस से निकलने वाले हॉकी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।