Vikran Engineering का ₹772 करोड़ का IPO 26 अगस्त से खुल गया है, जो 29 अगस्त तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध रहेगा। ग्रे मार्केट प्रीमियम 21.65% दर्ज हुआ है और एंकर निवेशकों से ₹231.6 करोड़ जुटाए गए हैं। विशेषज्ञों ने लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी है, क्योंकि कंपनी का ऑर्डर बुक मजबूत और सेक्टर का माहौल अनुकूल है।
Vikran Engineering IPO: इन्फ्रास्ट्रक्चर EPC कंपनी Vikran Engineering का ₹772 करोड़ का IPO 26 अगस्त से खुल गया, जो 29 अगस्त तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। ग्रे मार्केट प्रीमियम लगभग 21.65% दर्ज हुआ है और एंकर निवेशकों से ₹231.6 करोड़ की राशि पहले ही जुटाई जा चुकी है। कंपनी के पास ₹2,000 करोड़ से अधिक का ऑर्डर बुक है, जो FY25 की अनुमानित कमाई का दोगुना है, और विशेषज्ञ इसे लंबी अवधि के निवेश के लिए अनुकूल मान रहे हैं, खासकर सरकार की वॉटर और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं के चलते।
ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या दर्शाता है
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) निवेशकों को यह संकेत देता है कि लिस्टिंग से पहले कंपनी के शेयर अनलिस्टेड मार्केट में किस मूल्य पर ट्रेड कर रहे हैं। Vikran Engineering के लिए GMP 21.65 प्रतिशत दर्ज किया गया है, हालांकि यह प्रीमियम समय के साथ बदल सकता है। निवेशकों के लिए इसे केवल एक अनुमान के रूप में देखा जा सकता है।
कंपनी का बिजनेस और मॉडल
Vikran Engineering EPC सेक्टर में कार्यरत है और एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल अपनाती है। इस मॉडल में कंपनी प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक संसाधनों को किराए पर लेती है, जिससे फिक्स्ड लागत कम होती है और प्रोजेक्ट की एफिशिएंसी बढ़ती है। SBI सिक्योरिटीज ने इस IPO पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और कंपनी के प्रदर्शन को लिस्टिंग के बाद देखने की सलाह दी है।
कंपनी की EBITDA और PAT मार्जिन FY25 तक अपने कोर प्रतिस्पर्धियों, जैसे कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल, KEC इंटरनेशनल और ट्रांसरेल लाइटिंग के मुकाबले अधिक है। इससे निवेशकों को कंपनी की मुनाफाखोरी क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से कंपनी को फायदा
आनंद राठी ने Vikran Engineering IPO को ‘सब्सक्राइब फॉर लॉन्ग टर्म’ की रेटिंग दी है। कंपनी की विस्तार क्षमता, मजबूत ऑर्डर बुक और सेक्टर के अनुकूल माहौल इसके पीछे मुख्य कारण हैं। कंपनी के पास ₹2,000 करोड़ से अधिक का ऑर्डर बुक है, जो FY25 की अनुमानित कमाई का दोगुना है। इससे अगले दो सालों में कंपनी की ग्रोथ की संभावना प्रबल दिखाई देती है। सरकार के वॉटर साइक्लिंग और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने से कंपनी को भविष्य के टेंडरों में फायदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
एंकर निवेशकों की भागीदारी
IPO लॉन्च से पहले Vikran Engineering ने एंकर निवेशकों से ₹231.6 करोड़ जुटाए हैं। इस एंकर हिस्से में बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड, ITI MF, सैमको MF, SBI जनरल इंश्योरेंस, IMAP इंडिया, बंगाल फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट, VPK ग्लोबल और सोसाइटी जेनराल जैसे प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया है। यह निवेशकों के बीच कंपनी के प्रति विश्वास और भरोसे को दर्शाता है।
EPC सेक्टर में कंपनी की ताकत
Vikran Engineering IPO में निवेश करने वाले निवेशक कंपनी के विस्तार और भविष्य की ग्रोथ का हिस्सा बन सकते हैं। EPC सेक्टर में काम करने वाली कंपनी की मजबूती और प्रोजेक्ट डिलीवरी क्षमता इसे अन्य प्रतिस्पर्धियों से अलग करती है। निवेशकों को IPO के दौरान ग्रे मार्केट प्रीमियम, एंकर निवेशकों की भागीदारी और कंपनी की वित्तीय मजबूती को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।