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War 2 पर सेंसर बोर्ड की सख्ती: कियारा आडवाणी के बिकिनी सीन पर कटौती, फिल्म को मिली U/A रेटिंग 

War 2 पर सेंसर बोर्ड की सख्ती: कियारा आडवाणी के बिकिनी सीन पर कटौती, फिल्म को मिली U/A रेटिंग 

War 2 की रिलीज से पहले सेंसर बोर्ड ने कियारा आडवाणी के बिकिनी सीन में कटौती की है। सेंसर बोर्ड ने संवेदनशील दृश्यों और अश्लील संवादों को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद फिल्म में एक्शन सीन अपरिवर्तित रहेंगे। 

War 2 vs CBFC: बॉलीवुड की सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक ‘वॉर 2’ इस साल दर्शकों के लिए बड़े पर्दे पर धमाका करने जा रही है। ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की जबरदस्त जोड़ी के साथ यह फिल्म बॉलीवुड में एक नया इतिहास रचने को तैयार है। लेकिन रिलीज से पहले ही फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की सख्ती के चलते कुछ विवादित चर्चाएं शुरू हो गई हैं। खासतौर पर कियारा आडवाणी के ‘आवां जवां’ गाने में उनके बिकिनी शॉट्स को लेकर सेंसर बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है।

वॉर 2 की सेंसर बोर्ड से टकराव: क्या हटाया गया?

सेंसर बोर्ड ने फिल्म के एक्शन दृश्यों में कोई कटौती नहीं की है, जिससे फैंस को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन सेंशुअल और अश्लील सामग्री को लेकर बोर्ड ने निर्माताओं को कड़ी हिदायतें दी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक किरदार द्वारा किया गया एक अश्लील हावभाव और कुछ संवादों को हटाने या संशोधित करने को कहा गया है। यह कटौती महज दो सेकंड की है, लेकिन फिल्म की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने ‘आवां जवां’ गाने में कियारा आडवाणी के बिकिनी शॉट्स की अवधि को 50 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है।

सेंसर बोर्ड की ये मांगें फिल्म के निर्माताओं के लिए एक बड़ा झटका हैं, क्योंकि ‘आवां जवां’ गाना फिल्म का एक आकर्षक हिस्सा माना जा रहा था। हालांकि, एक्शन सीक्वेंस में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है जिससे फिल्म की थ्रिलिंग एक्शन तकरार बनी रहेगी।

सेंसर बोर्ड का सख्त रुख और फिल्म पर प्रभाव

CBFC के इन बदलावों के कारण ‘वॉर 2’ को U/A रेटिंग (16+) मिली है, जो दर्शकों के बीच फिल्म की पहुंच को थोड़ा सीमित कर सकती है। फिल्म का आधिकारिक रनटाइम अब लगभग 2 घंटे 59 मिनट 49 सेकंड बताया गया है। इस रेटिंग का मतलब है कि फिल्म को देखने के लिए किशोरों को माता-पिता की अनुमति की जरूरत होगी।

सेंसर बोर्ड के इस फैसले को लेकर फिल्म निर्माता और टीम के बीच कुछ अंदरूनी बातचीत भी चल रही है। खबरें आ रही हैं कि निर्माता सेंसर बोर्ड की एग्जामिनिंग कमेटी (EC) की मांगों से असंतुष्ट होकर रिवाइजिंग कमेटी (RC) के पास पहुंचे। RC ने फिल्म को अधिक सख्ती के बिना मंजूरी दी है। यह मामला फिल्म के लिए थोड़ा तनावपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि अभी भी अंतिम मंजूरी के बाद कुछ बदलावों की गुंजाइश बनी हुई है।

रिलीज की तैयारियां और बॉक्स ऑफिस क्लैश

‘वॉर 2’ 14 अगस्त, 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। फिल्म की एडवांस बुकिंग 10 अगस्त से शुरू होगी, जिससे पता चलता है कि निर्माताओं को फिल्म की कमाई को लेकर विश्वास है। लेकिन इस बार वॉर 2 को अकेले रिलीज़ नहीं करना है। फिल्म का क्लैश दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म ‘कुली’ से होगा।

रजनीकांत की फिल्म भी इसी समय पर रिलीज हो रही है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर जोरदार टक्कर देखने को मिल सकती है। यह क्लैश दर्शकों और फिल्म उद्योग दोनों के लिए दिलचस्प साबित होगा, खासकर तब जब दोनों फिल्मों की फैन फॉलोइंग भी बेहद मजबूत है।

कियारा आडवाणी का बिकिनी सीन: क्यों बनी सेंसर बोर्ड की नापसंद?

कियारा आडवाणी के बिकिनी शॉट्स वाली फिल्मों को भारतीय सेंसर बोर्ड अक्सर सेंसिटिव मानता है। भारत में अभी भी सार्वजनिक रूप से अश्लीलता को लेकर सख्त नियम हैं, और कोई भी फिल्म निर्माता इस बात का ख्याल रखता है कि फिल्म को प्रमाणपत्र मिले और उसकी रिलीज़ में कोई रुकावट न आए।

‘वॉर 2’ का गाना ‘आवां जवां’ ऐसे ही एक आकर्षक आइटम नंबर के तौर पर तैयार किया गया था, लेकिन बोर्ड ने इसे ज्यादा सेंशुअल मानते हुए उसमें कटौती को जरूरी समझा। हालांकि, निर्माताओं ने इस निर्णय को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि वे सेंसर बोर्ड के निर्देशों का सम्मान करते हुए फिल्म की रिलीज़ के लिए आवश्यक बदलाव करेंगे।

फिल्म इंडस्ट्री में सेंसरशिप पर लगातार बढ़ती चर्चा

वर्तमान समय में सेंसरशिप को लेकर बॉलीवुड में बढ़ती सख्ती को लेकर कलाकार और निर्माता दोनों ही चिंतित हैं। कई बार फिल्मों के संवेदनशील हिस्सों को लेकर विवाद सामने आते रहते हैं। ‘वॉर 2’ के मामले में भी यह साबित हो गया है कि सेंसर्स की कैंची कभी-कभी फिल्म की कला और निर्देशन को प्रभावित कर सकती है।

फिल्मों में सेंशुअल सीन, संवाद और हावभाव को लेकर मानक अक्सर बदलते रहते हैं, जिससे निर्माताओं को नए-नए नियमों के अनुसार फिल्म बनानी पड़ती है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें फिल्म की क्रिएटिविटी और सांस्कृतिक मान्यताओं के बीच संतुलन बनाना होता है।

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