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World Bank ने भारत की विकास दर बढ़ाई, FY2026 में 6.5% की उम्मीद, अमेरिकी टैरिफ पर जताई चिंता

World Bank ने भारत की विकास दर बढ़ाई, FY2026 में 6.5% की उम्मीद, अमेरिकी टैरिफ पर जताई चिंता

World Bank ने FY2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालांकि, अमेरिका द्वारा माल निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने से FY2027 के लिए विकास दर 6.5% से घटकर 6.3% होने की संभावना है।

GDP growth: World Bank ने मंगलवार को FY2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.5% तक बढ़ाया। रिपोर्ट में कहा गया कि मजबूत उपभोक्ता खर्च, कृषि उत्पादन और ग्रामीण मजदूरी में सुधार से भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, अमेरिका द्वारा भारत के वस्त्र निर्यात पर 50% शुल्क लगाने के कारण FY2027 के विकास अनुमान को 6.5% से घटाकर 6.3% कर दिया गया।

भारत की विकास दर में सुधार

World Bank ने मंगलवार को अपनी दक्षिण एशिया विकास अपडेट (अक्टूबर 2025) में बताया कि भारत की विकास दर का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया है। बैंक के अनुसार, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, ग्रामीण मजदूरी का बढ़ना और कृषि उत्पादन की बेहतर स्थिति से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किए गए सुधार, जैसे टैक्स ब्रैकेट की संख्या घटाना और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना, आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देगा। इन सुधारों से निवेशकों और व्यापारियों का भरोसा बढ़ा है, जो लंबे समय में आर्थिक विकास में योगदान देगा।

अमेरिकी टैरिफ का खतरा

World Bank ने हालांकि चेतावनी भी दी है कि अमेरिका द्वारा भारत के लगभग तीन-चौथाई वस्त्र निर्यात पर 50% शुल्क लगाए जाने से अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस कदम के कारण वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए GDP वृद्धि अनुमान 6.5% से घटकर 6.3% कर दिया गया है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि यह टैरिफ भारतीय निर्यातकों और विदेशी व्यापार पर दबाव डाल सकता है। साथ ही, इससे दक्षिण एशिया के अन्य उभरते देशों की तुलना में भारत की निर्यात वृद्धि प्रभावित हो सकती है।

दक्षिण एशिया का विकास

World Bank ने दक्षिण एशिया क्षेत्र की आर्थिक स्थिति का भी मूल्यांकन किया है। बैंक के अनुसार, इस क्षेत्र की विकास दर 2025 में 6.6% रहने की उम्मीद है, जो 2026 में घटकर 5.8% हो सकती है। इसके बावजूद, दक्षिण एशिया की वृद्धि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों के क्षेत्रों की तुलना में मजबूत बनी रहेगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि महंगाई दर केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों के भीतर बनी रहने की उम्मीद है। World Bank ने अनुमान लगाया कि मौजूदा नीतियों और आर्थिक सुधारों के चलते महंगाई नियंत्रण में रहेगी और धीरे-धीरे स्थिर ट्रेंड बनाएगी। यह उपभोक्ता और निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है।

घरेलू आर्थिक सुधारों का योगदान

भारत में कृषि उत्पादन में सुधार, ग्रामीण मजदूरी वृद्धि और जीएसटी सुधार ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया है। इन उपायों से उपभोक्ता खर्च बढ़ा है और बाजार में मांग मजबूत बनी हुई है। सरकार की नीतियों ने निवेशकों और व्यापारियों को आश्वस्त किया है कि अर्थव्यवस्था सतत विकास की राह पर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह मजबूती वैश्विक स्तर पर निवेश आकर्षित करने में मदद कर सकती है। साथ ही, घरेलू उद्योगों और सेवाओं को भी इससे लाभ मिलेगा।

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूती

World Bank ने यह भी रेखांकित किया कि अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था अन्य प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। यह संकेत देता है कि भारत के पास लंबी अवधि में स्थिर और संतुलित विकास की क्षमता मौजूद है।

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