संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा अब और आसान हो गई है। नई दिल्ली स्थित यूएई दूतावास ने जानकारी दी है कि भारतीयों के लिए वीजा ऑन अराइवल सुविधा का विस्तार किया गया है।
अबू धाबी: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच सहयोग की नई मिसाल कायम करते हुए यूएई सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा का दायरा और व्यापक कर दिया है। यूएई ने यह फैसला भारत के साथ अपने बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के मकसद से लिया है, जिससे लाखों भारतीय यात्रियों को सीधा फायदा मिलेगा।
नई व्यवस्था के तहत अब वे भारतीय नागरिक भी वीजा ऑन अराइवल का लाभ उठा सकते हैं, जिनके पास ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर का वैध निवास परमिट है। यह बदलाव 13 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा।
पहले क्या था नियम?
अभी तक भारतीय यात्रियों को यूएई में वीजा ऑन अराइवल तभी मिलता था जब उनके पास अमेरिका, यूरोपियन यूनियन (EU) या यूनाइटेड किंगडम (UK) का वैध वीजा, ग्रीन कार्ड या निवास परमिट होता था। मगर अब यूएई सरकार ने छह और देशों को इस सूची में शामिल कर दिया है, जिससे भारतीय पेशेवरों, व्यापारियों और सैलानियों को बड़ी राहत मिलेगी।
यूएई के नई दिल्ली स्थित दूतावास ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि यह फैसला दोनों देशों के बीच मानवीय और कारोबारी रिश्तों को नई मजबूती देने के प्रयास का हिस्सा है।
भारत-यूएई संबंधों में बढ़ेगी गर्माहट
यूएई में भारत के राजदूत डॉ. अब्दुलनासिर अलशाली ने इस कदम को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, “वीजा ऑन अराइवल नियम का विस्तार हमारे भरोसे और साझेदारी को दर्शाता है। इससे भारतीय परिवारों को एक-दूसरे से मिलने में आसानी होगी, कारोबारी यात्राओं में तेजी आएगी और पेशेवर अवसर भी बढ़ेंगे।
डॉ. अलशाली ने आगे कहा कि भारत और यूएई दोनों तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं, और इस तरह के खुले, लचीले यात्रा प्रबंधन से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और सहयोग का स्तर और मजबूत होगा।
भारतीय समुदाय में खुशी की लहर
यूएई के इस फैसले के बाद खासकर उन भारतीयों में खुशी है, जो इन छह देशों में निवास करते हैं और वहां से सीधे यूएई की यात्रा करना चाहते हैं। दुबई और अबू धाबी जैसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में भारतीय पेशेवरों की संख्या पहले ही काफी अधिक है। इस नई सुविधा से उनके लिए न केवल बार-बार यात्रा करना आसान होगा, बल्कि आपात स्थितियों में परिवार या व्यावसायिक कारणों से आने-जाने में भी सुविधा होगी।
भारतीय उद्योग जगत ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। भारत के प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने कहा कि इससे दोतरफा कारोबार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। गौरतलब है कि यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच 85 अरब डॉलर से ज्यादा का वार्षिक व्यापार होता है।
भारत-यूएई के गहरे रिश्तों का सबूत
यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत और यूएई के बीच रणनीतिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, शिक्षा, कृषि, डिजिटल इनोवेशन जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
भारतीय राजनयिक सूत्रों का कहना है कि वीजा ऑन अराइवल सुविधा का यह विस्तार, प्रवासी भारतीयों की सामाजिक सुरक्षा और यात्रा सुविधा के लिहाज से एक बड़ा सकारात्मक संकेत है।