उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में छांगुर गैंग जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले एक नए गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गिरोह के सरगना अब्दुल मजीद समेत सलमान, आरिफ और फहीम को गिरफ्तार किया है।
बरेली: यूपी में छांगुर बाबा गैंग जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाला एक गिरोह पकड़ में आया है। इस गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद है, जो एक मदरसे का संचालन करता है। पुलिस ने अब्दुल मजीद के साथ-साथ गिरोह के अन्य सदस्यों सलमान, आरिफ और फहीम को भी गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, यह गिरोह पूरे देश में कई लोगों का मतांतरण करवा चुका है।
बरेली में इसके तहत एक पूरा परिवार और दो अन्य परिवारों के सदस्य शामिल हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले की गहराई से जांच कर रही है।
गिरोह का खुलासा
गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद एक मदरसा संचालित करता है और मतांतरण का मुख्य काम करता है। गिरोह के अन्य सदस्य अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाते थे।
- सलमान – सुभाष नगर थाना क्षेत्र का निवासी, कपड़े सिलने का काम करता है। गिरोह के लिए लोगों को अपने जाल में फंसाकर इस्लामी किताबें, सीडी और धार्मिक ग्रंथ उपलब्ध कराता था।
- आरिफ – करेली का रहने वाला, सलमान के काम में मदद करता है।
- फहीम – बाल काटने का काम करता है। गिरोह के लिए लोगों की पहचान करना और उनकी जानकारी अन्य सदस्यों तक पहुंचाना उसका मुख्य काम था।
पुलिस ने बताया कि गिरोह ने पहले बृजपाल और उनके पूरे परिवार का मतांतरण कराया। इसके बाद गिरोह ने प्रभात उपाध्याय और उनके परिवार के सदस्यों को भी निशाना बनाया। गिरोह का अगला लक्ष्य एक बीकाम का छात्र था, लेकिन पुलिस सूचना मिलने के कारण उसे पकड़ा गया।
विदेशी फंडिंग की आशंका
प्रारंभिक जांच में पुलिस को यह भी संदेह है कि गिरोह विदेशी फंडिंग के जरिये वित्तीय मदद ले रहा था। अब्दुल मजीद के बैंक खाते में पिछले आठ महीनों में दो हजार से अधिक ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए हैं, जिनकी कुल राशि करीब 13 लाख रुपए है। सलमान और उनकी पत्नी के पास 12 बैंक खाते, जबकि आरिफ और फहीम के पास दो-दो बैंक खाते हैं।
पुलिस ने सभी बैंक खातों की जानकारी निकलवाकर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि अभी सभी सदस्यों से गहन पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि गिरोह का नेटवर्क देशभर में किस हद तक फैला हुआ है। गिरोह की कार्यप्रणाली और गतिविधियों में छांगुर गैंग की समानता सामने आई है। इस तरह के गिरोह लोगों का मानसिक और सामाजिक दबाव बनाकर उनके धर्म परिवर्तन कराते हैं।
पुलिस का कहना है कि ब्रेनवॉश तकनीक और आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करके गिरोह अपने काम को अंजाम देता था। पुलिस ने स्थानीय लोगों और प्रभावित परिवारों से भी जानकारी जुटाई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के सदस्य कई सालों से स्थानीय और अन्य राज्यों में मतांतरण कर रहे थे।