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अनुराग कश्यप के बयान पर भड़के मनोज मुंतशिर, कहा- 'शब्दों पर नियंत्रण रखें, विरासत से न टकराएं'

अनुराग कश्यप के बयान पर भड़के मनोज मुंतशिर, कहा- 'शब्दों पर नियंत्रण रखें, विरासत से न टकराएं'
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर अपने बेबाक और साफगोई भरे बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक विशेष वर्ग को लेकर विवादास्पद और असंवेदनशील टिप्पणी कर दी, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मच गया।

Anurag Kashyap Controversy: बॉलीवुड के चर्चित निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उनका निशाना बना है ब्राह्मण समुदाय, जिस पर उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से एक आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस टिप्पणी ने न सिर्फ आम जनमानस की भावनाओं को आहत किया, बल्कि चर्चित गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर को भी आक्रोशित कर दिया। उन्होंने खुलकर अनुराग कश्यप की आलोचना की और उन्हें ‘हद में रहने’ की दो टूक चेतावनी दी।

अनुराग कश्यप की विवादित टिप्पणी

फिल्म ‘फुले’ की रिलीज में हो रही देरी से नाराज़ होकर अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समुदाय को लेकर एक ऐसा वाक्य लिखा, जो तुरंत ही भारी विवाद का कारण बन गया। यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए अनुराग ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था।

मनोज मुंतशिर का तीखा प्रहार

इस पूरे मामले पर मनोज मुंतशिर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए अनुराग कश्यप को आड़े हाथों लिया। मुंतशिर ने कहा, 'अगर आपकी आय कम है तो खर्चों पर नियंत्रण रखें, अगर जानकारी कम है तो शब्दों पर नियंत्रण रखें। अनुराग कश्यप, आपकी आय और आपकी जानकारी दोनों सीमित हैं। ब्राह्मण विरासत को एक इंच भी गंदा करने की आपकी कोई औकात नहीं।'

उनकी यह बात न केवल एक चेतावनी थी, बल्कि अनुराग कश्यप को यह भी एहसास दिलाने का प्रयास था कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत कितनी गहरी और सशक्त है।

गौरवशाली विरासत का उल्लेख

मनोज मुंतशिर ने भारतीय इतिहास के 21 महान ब्राह्मण व्यक्तित्वों का नाम लेते हुए अनुराग को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, मैं तुम्हारे घर कुछ तस्वीरें भेजता हूं, उन्हें देखकर तय कर लेना कि अपना गंदा पानी किस पर डालना है। चंद्रशेखर आजाद, भगवान परशुराम, अटल बिहारी वाजपेयी, गोस्वामी तुलसीदास जैसे महानायक इस विरासत के प्रतीक हैं। तुम्हारे जैसे नफरती लोग चले जाएंगे, लेकिन हमारी विरासत अमर रहेगी।

मुंतशिर ने अपनी बात को और प्रखर करते हुए अनुराग को कहा कि यदि उनमें साहस है, तो उनके द्वारा बताए गए 21 व्यक्तित्वों में से किसी एक का नाम चुनें और उस पर अपने कथित बयान को लागू करके दिखाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसा न कर सकें, तो बेहतर होगा कि भविष्य में अपने शब्दों को सोच-समझकर बोलें।

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