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US tariffs: भारत की अर्थव्यवस्था को लगा झटका, मूडीज ने घटाया GDP ग्रोथ का अनुमान

US tariffs: भारत की अर्थव्यवस्था को लगा झटका, मूडीज ने घटाया GDP ग्रोथ का अनुमान
अंतिम अपडेट: 11-04-2025

ग्लोबल टैरिफ तनाव के बीच भारत के लिए यह एक अहम और चिंताजनक आर्थिक संकेत है। अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने भारत की वर्ष 2025 की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.4% से घटाकर 6.1% कर दिया है।

Moody’s Cuts India GDP Growth: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार तनाव की आहट अब भारत की आर्थिक सेहत पर असर डालने लगी है। प्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने भारत की वित्तीय वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 6.4% से घटाकर 6.1% कर दिया है। इसका प्रमुख कारण है अमेरिका द्वारा संभावित 26% टैरिफ की योजना, जो भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती है।

अमेरिका से झटका, व्यापार संतुलन पर संकट

मूडीज की ताज़ा रिपोर्ट 'APC Outlook: US vs Them' में कहा गया है कि अमेरिका भारत का सबसे अहम व्यापारिक साझेदार है, और ऐसे में यदि अमेरिका भारत से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाता है, तो इसका असर भारत के ज्वैलरी, मेडिकल उपकरण, टेक्सटाइल और गेमिंग प्रोडक्ट्स जैसे निर्यात सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा होगा।

टैरिफ से भारत के निर्यात में गिरावट आ सकती है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अमेरिका ने फिलहाल 90 दिन की मोहलत दी है, लेकिन व्यापारिक तनाव के इस दौर में भारत के लिए यह एक चिंताजनक संकेत है।

घरेलू मांग से मिलेगी राहत?

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की आंतरिक मांग अभी मजबूत बनी हुई है, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि टैरिफ का असर GDP पर पूर्ण रूप से नहीं पड़ेगा। बाहरी मांग भारत की कुल GDP का अपेक्षाकृत छोटा हिस्सा है, जिससे ग्रोथ को कुछ हद तक सहारा मिलेगा। मूडीज ने यह भी संभावना जताई है कि भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई दर में गिरावट को देखते हुए इस साल रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है, जिससे नीतिगत दर 5.75% पर आ जाएगी। यह कटौती ऋण सस्ता करने में मदद करेगी और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा दे सकती है।

सरकार द्वारा घोषित नए टैक्स इंसेंटिव्स और रियायतें घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक हो सकती हैं। मूडीज का मानना है कि ये कदम भारत को उन अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में ला सकते हैं, जो वैश्विक आर्थिक तनाव से जूझ रहे हैं।

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