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अदनान सामी ने फवाद चौधरी को दिया करारा जवाब, नागरिकता पर उठाए सवाल

अदनान सामी ने फवाद चौधरी को दिया करारा जवाब, नागरिकता पर उठाए सवाल
अंतिम अपडेट: 8 घंटा पहले

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा, इसी बीच अदनान सामी ने पूर्व मंत्री फवाद चौधरी पर निशाना साधा। उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट 2015 में समाप्त हुआ था।

New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में तनाव और बढ़ता जा रहा है। इसके बीच, प्रसिद्ध भारतीय गायक और संगीतकार अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी को उनकी नागरिकता पर सवाल उठाने के लिए जमकर लताड़ लगाई। यह विवाद तब सामने आया जब चौधरी ने सोशल मीडिया पर अदनान सामी के भारतीय नागरिकता के मुद्दे पर टिप्पणी की। इसने एक नई बहस को जन्म दिया, जो अब पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है।

फवाद चौधरी के ट्वीट पर सामी की प्रतिक्रिया

चौधरी फवाद हुसैन ने हाल ही में एक भारतीय पत्रकार के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, "अदनान सामी के बारे में क्या?" इस ट्वीट के जरिए उन्होंने सामी की भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाया। उन्होंने यह ट्वीट एक पोस्ट के साथ किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के नागरिकों को भारत छोड़ने के निर्देश देने के बारे में जानकारी दी गई थी।

इसके जवाब में अदनान सामी ने ट्वीट किया, "इस अनपढ़ बेवकूफ को कौन बताएगा!" उन्होंने इस ट्वीट के जरिए फवाद चौधरी के तंज का करारा जवाब दिया और अपने भारत आने से लेकर नागरिकता प्राप्त करने तक के सभी घटनाक्रमों को स्पष्ट किया।

अदनान सामी की नागरिकता पर विवाद

अदनान सामी का जन्म लंदन में हुआ था, लेकिन वे पाकिस्तान से ताल्लुक रखते थे। 2001 में उन्होंने भारत आने के बाद यहां संगीत में अपनी पहचान बनाई। 2015 में उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट समाप्त हो गया था और पाकिस्तान सरकार ने इसे नवीनीकरण के लिए स्वीकृति नहीं दी। इसके बाद सामी ने भारत सरकार से अपने वीजा की स्थिति को मान्य करने की अपील की, जिसे स्वीकार किया गया और 2016 में उन्हें भारतीय नागरिकता दी गई।

सामी का कहना है कि उनके परिवार की जड़ें लाहौर में नहीं, बल्कि पेशावर में हैं। उनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना के अनुभवी राजनयिक थे और उनकी मां मूल रूप से जम्मू-कश्मीर की थीं।

पहलगाम आतंकवादी हमले पर सामी का ट्वीट

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद सामी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "आशा और वादे से भरी निर्दोष जिंदगियां निर्दयता से खत्म कर दी गईं और पीछे छोड़ गए आंसू, टूटे सपने और असहनीय दुख। मानवता कैसे इतनी नीचता तक गिर सकती है?"

उन्होंने इस ट्वीट के जरिए हमले के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और मानवता को चोट पहुंचाने वाले इस तरह के आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की।

नागरिकता पर सवाल उठाने की आलोचना

सामी ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी बताया कि फवाद चौधरी ने उनकी नागरिकता पर सवाल उठाकर यह साबित करने की कोशिश की थी कि वे पाकिस्तानी हैं, लेकिन सामी ने साफ तौर पर यह कहा कि उनकी जड़ें लाहौर में नहीं, बल्कि पेशावर में हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी थे और उनकी मां जम्मू-कश्मीर से थीं।

सामी ने यह भी कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि किसी के बारे में टिप्पणी करने से पहले उसकी पहचान, इतिहास और संदर्भ को समझा जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि नागरिकता केवल कागजों में नहीं, बल्कि उस देश के प्रति वफादारी और सम्मान से जुड़ी होती है।

भारतीय नागरिकता के बाद सामी की यात्रा

अदनान सामी को 13 मार्च 2001 को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा एक साल के आगंतुक वीजा पर भारत बुलाया गया था। बाद में उनका वीजा समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। उनके पाकिस्तानी पासपोर्ट का नवीनीकरण न होने के कारण, उन्होंने भारत में मानवीय आधार पर रहने की अपील की, जिसे भारत सरकार ने मंजूर किया। दिसंबर 2015 में उन्हें भारतीय नागरिकता दी गई।

सामी ने भारतीय संगीत उद्योग में अपनी पहचान बनाई और कई हिट गाने दिए जैसे 'कभी तो नज़र मिलाओ', 'तेरा चेहरा', 'लिफ्ट करा दे', और 'भर दो झोली'। उनकी संगीत यात्रा भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन चुकी है।

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