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BMC Election 2025: महाराष्ट्र राजनीति में हलचल, राज-उद्धव साथ आने की खबर पर शिंदे ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

BMC Election 2025: महाराष्ट्र राजनीति में हलचल, राज-उद्धव साथ आने की खबर पर शिंदे ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
अंतिम अपडेट: 14 घंटा पहले

बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है। राज ठाकरे के बयान से उद्धव संग सुलह की अटकलें बढ़ीं, जिससे ठाकरे ब्रदर्स के एक होने की चर्चा है।

Maharashtra: BMC Election 2025 से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। लंबे समय से अलग राह पर चल रहे ठाकरे ब्रदर्स — उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे — एक बार फिर साथ आने की संभावनाओं को लेकर चर्चा में हैं। इस चर्चा को और बल तब मिला जब राज ठाकरे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कभी कोई दिक्कत नहीं थी।

शिंदे हुए नाराज़, बोले - 'काम की बात करें'

हालांकि, इस राजनीतिक मेल-मिलाप की अटकलों पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। जब एक मराठी न्यूज चैनल के रिपोर्टर ने उनसे इस संभावित सुलह पर प्रतिक्रिया मांगी, तो शिंदे visibly annoyed हो गए। उन्होंने रिपोर्टर को यह कहते हुए टाल दिया कि, “काम के बारे में बात करें।” शिंदे उस समय अपने पैतृक गांव दरे (सतारा जिला) के दौरे पर थे। उनके इस रिएक्शन को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग तरह की व्याख्याएं की जा रही हैं।

सीएम फडणवीस ने जताई सकारात्मकता

दूसरी ओर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर एक diplomatic approach लिया। उन्होंने कहा कि अगर ठाकरे ब्रदर्स साथ आते हैं तो यह अच्छी बात हो सकती है, लेकिन उन्होंने इससे आगे कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं दी।

क्या सच में साथ आ सकते हैं ठाकरे ब्रदर्स?

राज ठाकरे के बयान के बाद अब उद्धव ठाकरे की ओर से भी सुलह को लेकर नरमी दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि वो “छोटी-मोटी लड़ाइयों” को दरकिनार करने को तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ कोई काम न हो। यह बयान राजनीतिक गलियारों में एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच दूरियां पिघल सकती हैं। Political analysts का मानना है कि मराठी वोट बैंक को consolidate करने के लिए यह move game-changer साबित हो सकता है।

मराठी मानुष के नाम पर एकजुटता?

राज ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा था कि मराठी मानुष के हित में अगर एकजुट होना पड़े तो यह मुश्किल नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि निजी मतभेदों को भुलाकर अगर महाराष्ट्र के भले के लिए कुछ किया जाए, तो वह उसमें साथ देने को तैयार हैं। यह स्टेटमेंट शिवसेना और मनसे के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच भी एक नई energy लेकर आया है।

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