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Delhi: महापौर का बड़ा फैसला! अब नहीं देना होगा कूड़ा यूजर चार्ज, सालाना 2400 रुपये तक की बचत

Delhi: महापौर का बड़ा फैसला! अब नहीं देना होगा कूड़ा यूजर चार्ज, सालाना 2400 रुपये तक की बचत
अंतिम अपडेट: 9 घंटा पहले

दिल्ली के नवनिर्वाचित मेयर राजा इकबाल सिंह ने कूड़ा उठाने का यूजर चार्ज वापस लेने का एलान किया। यह राहत रिहायशी संपत्तियों पर लागू होगी, जिससे दिल्लीवासियों को सालाना 600 से 2400 रुपये की बचत होगी।

Delhi न्यूज़: दिल्ली नगर निगम (MCD) के नवनिर्वाचित महापौर राजा इकबाल सिंह ने दिल्लीवासियों को एक बड़ी राहत दी है। उन्होंने घोषणा की है कि अब रिहायशी संपत्तियों पर कूड़ा उठाने के एवज में लिए जा रहे User Charge को हटा दिया जाएगा। इस फैसले से दिल्ली के लाखों घरों को सालाना 600 रुपये से 2400 रुपये तक की बचत होगी।

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब दिल्ली में पहली बार केंद्र, राज्य और नगर निगम—तीनों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की Triple Engine Government बन चुकी है। ऐसे में विकास कार्यों में अब राजनीतिक टकराव नहीं बल्कि तालमेल देखने को मिलेगा।

क्या है यूजर चार्ज और क्यों था विवादित?

दिल्ली सरकार के ठोस कूड़ा प्रबंधन उपनियमों (Solid Waste Management Bye-laws) के तहत, 50 वर्ग मीटर तक की संपत्ति पर 50 रुपये, 50 से 200 वर्ग मीटर तक पर 100 रुपये और 200 वर्ग मीटर से बड़ी रिहायशी संपत्ति पर 200 रुपये मासिक यूजर चार्ज लगाया गया था।

इस शुल्क को Property Tax के साथ वसूला जा रहा था, जिससे हर साल 600 से 2400 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने 1 अप्रैल से यह चार्ज लागू किया था, जिसे अब महापौर ने खत्म करने की घोषणा की है।

महापौर की प्राथमिकताएं: सफाई से लेकर जलभराव तक

राजा इकबाल सिंह ने कहा कि उनका फोकस केवल दफ्तर तक सीमित नहीं रहेगा। वह खुद सड़कों पर उतरकर हालात का निरीक्षण करेंगे और लोगों की समस्याओं को सुनेंगे।

उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी:

दिल्ली की Cleanliness System को सुधारना

  1. बरसात में जलभराव की समस्या को रोकना
  2. नालों की समय पर सफाई सुनिश्चित करना
  3. कूड़े के पहाड़ों (Landfills) को खत्म करना
  4. वायु प्रदूषण (Air Pollution) पर काबू पाना

ट्रिपल इंजन सरकार से क्या फायदा होगा?

अब दिल्ली में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगम—तीनों में भाजपा की सरकार है। इससे नीति निर्धारण और विकास कार्यों में इन बातों से मदद मिलेगी:

  • योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई Policy Conflict नहीं होगा
  • केंद्र से अतिरिक्त फंड मिलना आसान होगा
  • विकास कार्यों में तेजी आएगी
  • अस्पताल, डिस्पेंसरी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार होगा

भाजपा सरकार के सामने ये होंगी बड़ी चुनौतियां

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  1. अस्थायी कर्मचारियों का नियमितिकरण
  2. कर्मचारियों का वेतन समय पर देना
  3. जर्जर भवनों की पहचान और पुनर्विकास
  4. जलभराव रोकने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करना
  5. MCD अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में संसाधन बढ़ाना

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