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मातंगी जयंती 2025: तीन शुभ योगों में मनाई जाएगी मातंगी जयंती, जानें मुहूर्त और लाभ

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मां मातंगी जयंती का पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवी मातंगी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। देवी मातंगी 10 महाविद्याओं में से एक महाविद्या हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना जीवन को संपूर्ण समृद्धि, सुख, और सफलता से भर देता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अक्षय तृतीया और अखा तीज के रूप में मनाया जाता है, जो अपने आप में अत्यधिक शुभ और पुण्यकारी माने जाते हैं।

मातंगी जयंती 2025: कब और कैसे मनाएं?

2025 में मातंगी जयंती 30 अप्रैल को मनाई जाएगी, जो इस साल अक्षय तृतीया के साथ एक विशेष संयोग बना रही है। इस दिन को लेकर विशेष ग्रह योगों का निर्माण हो रहा है, जो पूजा के लिए और भी अधिक शुभ होते हैं। इस दिन देवी मातंगी की पूजा करने से न केवल चार प्रमुख मनोकामनाओं को पूरा किया जा सकता है, बल्कि जीवन में भौतिक और आत्मिक सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

मातंगी जयंती पर बनने वाले शुभ योग

मातंगी जयंती के दिन कुछ विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा को और भी अधिक फलदायक बनाते हैं:

  1. सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग 30 अप्रैल को पूरे दिन रहेगा। इस योग के दौरान किए गए कार्यों से सफलता प्राप्त होती है, इसलिए इस समय देवी मातंगी की पूजा अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है।
  2. रवि योग: 30 अप्रैल को सायं 4:18 बजे से लेकर 1 मई को प्रातः 5:40 बजे तक रवि योग रहेगा। यह समय भी पूजा के लिए अत्यधिक शुभ है, क्योंकि सूर्य का विशेष प्रभाव इस समय रहेगा, जो आशीर्वाद और शक्ति प्रदान करता है।
  3. शोभन योग: 30 अप्रैल को सुबह से लेकर दोपहर 12:02 बजे तक शोभन योग रहेगा। यह योग कार्यों में सफलता, मानसिक शांति और समृद्धि के लिए उत्तम है।

मातंगी जयंती का मुहूर्त

मातंगी जयंती के दिन विशेष मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक होता है, ताकि पूजा से सर्वोत्तम परिणाम मिल सकें:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 30 अप्रैल को प्रातः 4:15 से 4:58 तक। यह समय देवों के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है और इस समय पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • निशिता मुहूर्त: 30 अप्रैल को रात्रि 11:57 से 1 मई को रात्रि 12:40 तक। यह समय भी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी आस्था और भक्ति से देवी मातंगी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।

मातंगी जयंती पर देवी मातंगी की पूजा का महत्व

मां मातंगी जयंती पर देवी मातंगी की पूजा का अत्यधिक महत्व है। देवी मातंगी का नाम सुनते ही मन में शक्ति, ज्ञान, और सृजनात्मकता का भाव उत्पन्न होता है। मातंगी के बारे में मान्यता है कि वे हर व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और साधनाओं को उभारने में मदद करती हैं। इस दिन देवी मातंगी की पूजा से न केवल बाहरी सुख-संपत्ति मिलती है, बल्कि आत्मिक शांति और संतुलन भी प्राप्त होता है।

देवी मातंगी का आशीर्वाद विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है, जो कला, संगीत, अभिनय, और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति की मानसिक शक्ति और ज्ञान में वृद्धि होती है, जिससे वे अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

मातंगी जयंती पर पूजा करने के लाभ

मातंगी जयंती के दिन देवी मातंगी की पूजा से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभों के बारे में:

  1. वैवाहिक जीवन में सुख और शांति: अगर आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी या तनाव है, तो देवी मातंगी की पूजा करने से इस संबंध में शांति और सुख की प्राप्ति होती है। मां मातंगी के आशीर्वाद से जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलता है और आपके संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
  2. विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं: जिन लोगों के विवाह में कोई अड़चन आ रही है या विवाह के योग नहीं बन रहे हैं, उन्हें देवी मातंगी की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि मां मातंगी की पूजा से विवाह के रास्ते में आईं सभी रुकावटें समाप्त होती हैं और जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
  3. संगीत और कला में सफलता: यदि आप संगीत, कला या अभिनय के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, तो देवी मातंगी की पूजा करना आपके लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है। मां के आशीर्वाद से आपकी कला में निपुणता बढ़ती है और आप सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं।
  4. समान्य जीवन में समृद्धि और सफलता: देवी मातंगी की पूजा से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि भौतिक समृद्धि भी आती है। इससे आपकी नौकरी, व्यापार और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
  5. ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि: माता के आशीर्वाद से व्यक्ति के ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि होती है। यह पूजा विशेष रूप से छात्रों और अध्ययनरत व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होती है, क्योंकि यह उनके मानसिक संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाती है।

मातंगी जयंती पर पूजा विधि

मातंगी जयंती के दिन देवी मातंगी की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। निम्नलिखित विधि को अपनाकर आप इस दिन देवी के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं:

  • पूजा स्थान को स्वच्छ करें और वहां दीपक, अगरबत्ती, फूल, चंदन, सिंदूर, और अन्य पूजन सामग्री रखें।
  • देवी मातंगी की तस्वीर या प्रतिमा को शुद्ध करें और उन्हें पंखा झलने के बाद उन्हें वस्त्र अर्पित करें।
  • मिष्ठान, फल और पंखुड़ियों का भोग अर्पित करें।
  • देवी के मंत्र 'ॐ मातंग्यै नमः' का जाप करें।
  • मां के आशीर्वाद से अपने सभी कार्यों में सफलता की प्रार्थना करें।

मातंगी जयंती का पर्व एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अवसर है, जो न केवल शारीरिक सुखों की प्राप्ति के लिए, बल्कि मानसिक शांति और सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन देवी मातंगी की पूजा से जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और सफलता प्राप्त की जा सकती है। 2025 में यह दिन विशेष संयोग के साथ आ रहा है, जब कई शुभ योग बन रहे हैं। इसलिए इस दिन पूजा करना अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है।

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