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कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बयान पर भाजपा का तीखा पलटवार, सुधांशु त्रिवेदी ने कहा - 'पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं'

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बयान पर भाजपा का तीखा पलटवार, सुधांशु त्रिवेदी ने कहा - 'पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं'
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

भा.ज.पा. प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के 'युद्ध समाधान नहीं' वाले बयान की कड़ी आलोचना की है। त्रिवेदी ने सिद्धारमैया के बयान को 'पाकिस्तान की भाषा' करार देते हुए कांग्रेस से इसका जवाब मांगा।

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पाकिस्तान के साथ युद्ध को नकारने वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सिद्धारमैया के बयान को पाकिस्तान की भाषा करार दिया है। त्रिवेदी ने कहा कि सिद्धारमैया का यह बयान देश के भीतर आक्रोश पैदा कर रहे आतंकी हमले के बाद एक गैर-जिम्मेदाराना और नकारात्मक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से यह सवाल किया कि क्या वह सरकार के साथ खड़ी है या फिर देश की सुरक्षा के खिलाफ पाकिस्तान की आवाज उठा रही है।

सिद्धारमैया का बयान और विवाद

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 26 अप्रैल को मंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि "पाकिस्तान के साथ युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं है।" उनका कहना था कि कड़े सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है और युद्ध समाधान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि शांति होनी चाहिए और नागरिकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए। सिद्धारमैया ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि ऐसे आतंकी हमलों से बचा जा सके।

हालांकि, इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया। पाकिस्तान के मीडिया ने इसे उछालते हुए यह कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने युद्ध को नकार दिया है। इस पर सिद्धारमैया ने 27 अप्रैल को अपना बयान स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं करना चाहिए। मैंने केवल यह कहा था कि युद्ध समाधान नहीं है। मैंने यह भी कहा कि खुफिया जानकारी में विफलता रही है, और अगर युद्ध अपरिहार्य है, तो हमें उसे करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

सुधांशु त्रिवेदी का तीखा पलटवार

भा.ज.पा. प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सिद्धारमैया के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे पाकिस्तान की भाषा के समान बताया। उन्होंने कहा, यह बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस के कुछ नेता ठीक वही भाषा बोल रहे हैं, जो पाकिस्तान बोल रहा है। सिद्धारमैया का यह कहना कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है, वही बयान है जो पाकिस्तान के गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री देते हैं।

सिद्धारमैया के बयान पर तीखा हमला करते हुए त्रिवेदी ने कहा, देश इस आतंकी हमले के खिलाफ आक्रोश में है और जनमानस में यह भावना है कि इस पर कठोर और प्रभावी उत्तर दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी भावना के अनुरूप अपना संकल्प व्यक्त किया है कि इस घटना को अंजाम देने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। त्रिवेदी ने कांग्रेस से यह सवाल किया, आपने कहा था कि आप सरकार के साथ हैं, लेकिन अब कुछ ही दिनों में आपके चेहरे से नकाब हट गया। हमें कांग्रेस से जवाब चाहिए।

भारत को एकजुट होने की जरूरत

सुधांशु त्रिवेदी ने इस समय देश के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई है, उसमें सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर सरकार का समर्थन करना चाहिए।

सिद्धारमैया के बयान को लेकर त्रिवेदी ने यह भी कहा, जहां तक विकल्प की बात है, मैं सिद्धारमैया को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि विकल्प क्या होगा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी और हमारी तीनों सेनाओं के प्रमुखों पर छोड़ दीजिए। आप रक्षा विशेषज्ञ बनने का प्रयास न करें। उनका इशारा इस बात की ओर था कि सुरक्षा और सैन्य रणनीतियों का निर्धारण राजनीतिक नेताओं से नहीं, बल्कि सैन्य और सुरक्षा विशेषज्ञों से किया जाना चाहिए।

आतंकी हमले का संदर्भ

यह विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी। कई अन्य घायल भी हुए थे। इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया और इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठने लगी। यह हमला भारतीय सुरक्षाबलों और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई के संदर्भ में हुआ, जो अब एक राजनीतिक मुद्दा भी बन चुका है।

सिद्धारमैया के बयान पर पार्टी का रुख

सिद्धारमैया के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने इस पर सफाई दी, लेकिन भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कमजोर रुख मानते हुए आक्रामक टिप्पणी की। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के बयानों पर कड़ा रुख अपनाएगी या फिर यह सिलसिला जारी रहेगा। भाजपा ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि अगर वह पाकिस्तान के पक्ष में खड़ी नहीं होती है, तो उसे अपने नेताओं के बयानों पर खेद प्रकट करना चाहिए।

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