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Maharashtra Politics: बजट से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक रवींद्र धंगेकर बदल सकते हैं पाला

Maharashtra Politics: बजट से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक रवींद्र धंगेकर बदल सकते हैं पाला
अंतिम अपडेट: 10-03-2025

महाराष्ट्र के कस्बा उपचुनाव विजेता रवींद्र धंगेकर के शिवसेना में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। आज शाम वे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद फैसला लेंगे।

Maharashtra: महाराष्ट्र में महायुति सरकार आज अपना पहला बजट पेश करने जा रही है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक रवींद्र धंगेकर ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।

धंगेकर का कांग्रेस छोड़ने का ऐलान

पिछले कुछ महीनों से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि 2023 में कस्बा विधानसभा उपचुनाव जीतने वाले रवींद्र धंगेकर शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। अब उन्होंने खुद यह संकेत दे दिया है कि वे कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार शाम को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करेंगे और उसके बाद अंतिम फैसला लेंगे।

धंगेकर ने कहा, "कांग्रेस छोड़ना मेरे लिए दुखद है। चुनाव में सभी ने मेरे लिए पूरी कोशिश की, लेकिन मेरे समर्थकों और मतदाताओं की भावना है कि मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य सुनिश्चित करने के लिए सही निर्णय लेना चाहिए।"

कस्बा सीट से चुनावी सफर

रवींद्र धंगेकर ने 2023 के कस्बा विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी नेता हेमंत रासने को हराकर कांग्रेस के लिए यह सीट जीती थी। यह उपचुनाव बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हुआ था, क्योंकि यह सीट लंबे समय से उसके कब्जे में थी।

हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें पुणे लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे बीजेपी के मुरलीधर मोहोल से हार गए। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कस्बा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार बीजेपी के हेमंत रासने से हार गए।

शिंदे गुट में शामिल होने के संकेत

धंगेकर ने हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना मंत्री उदय सामंत से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि शिवसेना के नेताओं ने उन्हें साथ काम करने की पेशकश की है।

उन्होंने कहा, "मेरे समर्थकों और मतदाताओं के साथ चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि हमें एकनाथ शिंदे के साथ काम करना चाहिए। वे आम आदमी के नेता के रूप में जाने जाते हैं। मैं आज उनसे मिलूंगा और उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।"

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