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Trade War: चीन से टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप का दावा, 'हर कोई मुझसे मिलना चाहता है'

Trade War: चीन से टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप का दावा, 'हर कोई मुझसे मिलना चाहता है'
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि चीन समेत सभी देश अमेरिका से व्यापार समझौता करना चाहते हैं। चीन पर 245% टैरिफ से अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और तेज हो गया है।

वॉशिंगटन/बीजिंग/नई दिल्ली – अमेरिका और चीन के बीच चल रही Trade War एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि चीन समेत दुनियाभर के देश उनसे नए व्यापार समझौते (Trade Agreements) को लेकर संपर्क कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि उनकी टैरिफ पॉलिसी (Tariff Policy) ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दिशा बदल दी है, और अब कई देश अमेरिका के साथ बेहतर terms पर डील करना चाहते हैं।

ट्रंप का दावा – “हर देश मुझसे मिलना चाहता है, चीन भी”

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर लिखा,

“हर कोई मुझसे मिलना चाहता है – चीन भी। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम से फोन पर सकारात्मक बातचीत हुई। जापान के व्यापार अधिकारियों से भी बेहतरीन मीटिंग रही।”

ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में जापान के टॉप ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव्स से मुलाकात की और मेक्सिको की नई राष्ट्रपति से टैरिफ और bilateral trade पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन समेत सभी देश अब अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौतों की पहल करना चाहते हैं, क्योंकि ट्रंप के लगाए गए Reciprocal Tariffs का असर अब साफ नजर आने लगा है।

चीन पर 245% तक का नया टैरिफ, बढ़ता तनाव

ट्रंप प्रशासन ने चीन से आने वाले कुछ specific products पर 245% तक का आयात शुल्क (Import Duty) लगाने का एलान किया है। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक फैक्ट शीट में बताया गया कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि चीन ने अमेरिका के खिलाफ retaliatory measures अपनाए हैं।

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह टैरिफ किस तरह के सामानों पर और किस तारीख से लागू होंगे। लेकिन यह कदम अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ सकता है। चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और अमेरिकी फैसले का विरोध किया है।

Global Trade Dynamics में हलचल

व्हाइट हाउस के मुताबिक, वर्तमान में 75 से अधिक देश अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौतों (Trade Negotiations) पर चर्चा कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर देशों पर अभी ज्यादा टैरिफ लागू नहीं है, लेकिन चीन जैसे कुछ देशों पर high tariff policies का असर सीधे तौर पर देखा जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की नीतियों के चलते Global Trade Environment पहले से कहीं ज्यादा volatile और uncertain होता जा रहा है। इससे अमेरिका के पारंपरिक व्यापारिक सहयोगियों के साथ रिश्तों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।

भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता

इस geopolitical backdrop में भारत और अमेरिका भी व्यापार समझौते को लेकर बातचीत की तैयारी कर रहे हैं। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन जाएगा, जहां कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिका के Deputy USTR ब्रेंडन लिंच भारत आए थे और दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर अहम बातचीत हुई थी। ट्रंप ने फिलहाल 90 दिनों के लिए टैरिफ को होल्ड पर रखा है, जिससे दोनों देश इस मौके का उपयोग व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कर सकते हैं।

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