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Trump Tariff से भारतीय उद्योग क्यों है चिंतित? जानें आंकड़ें

Trump Tariff से भारतीय उद्योग क्यों है चिंतित? जानें आंकड़ें
अंतिम अपडेट: 17-04-2025

भारत-अमेरिका व्यापार 2024-25 में 131.84 अरब डॉलर तक पहुंचा। Trump Tariff के प्रभाव से भारतीय उद्योग चिंतित है, लेकिन द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।

Indo- US Trade: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुए हैं, लेकिन Trump Tariff के प्रभाव से भारतीय उद्योगों को चिंता हो रही है। जानिए, कैसे अमेरिका के साथ भारत का व्यापार बढ़ा और किस वजह से ये चिंता बढ़ी है।

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है अमेरिका

वित्त वर्ष 2024-25 में, अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वहीं, चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ा, अमेरिका से व्यापार में इजाफा

चीन के साथ भारत का निर्यात 14.5% घटकर 14.25 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 11.52% बढ़कर 113.45 अरब डॉलर तक पहुंच गया। दूसरी ओर, अमेरिका से निर्यात 11.6% बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जिससे व्यापार अधिशेष 41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

क्यों चिंता में है भारतीय उद्योग?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ा है, लेकिन Trump Tariff ने दोनों देशों के व्यापारिक समीकरणों में बदलाव किया है। खासकर अमेरिकी सरकार द्वारा लागू किए गए शुल्क और करों से भारतीय उद्योगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

भारत से अमेरिका के लिए प्रमुख निर्यात

भारत के मुख्य निर्यात में औषधि, दूरसंचार उपकरण, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर, पेट्रोलियम उत्पाद, सोने के आभूषण और सूती वस्त्र शामिल हैं। ये उत्पाद अमेरिकी बाजार में प्रमुखता से बिकते हैं, जो भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार के भविष्य के अनुमान

भारत और अमेरिका ने आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। दोनों देश इस दिशा में एक व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं।

दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए हैं। इनमें निवेश प्रोत्साहन, तकनीकी सहायता, और ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी शामिल है। इन समझौतों से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

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