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Chaitra Purnima 2025: कब हैं चैत्र पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त और विशेष पूजन विधि

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चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि इस बार एक खास संयोग लेकर आ रही है। 12 अप्रैल 2025 को चैत्र पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा, जो हिंदू धर्म में आध्यात्मिक और पुण्यदायी तिथि मानी जाती है। खास बात यह है कि इस दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा, जिससे यह दिन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण बन गया है।

कब है चैत्र पूर्णिमा? जानें सटीक तिथि और मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को रात्रि 03:21 बजे से हो रही है और यह 13 अप्रैल की सुबह 05:51 बजे तक रहेगी। लेकिन चूंकि हिंदू धर्म में सूर्योदय का महत्व सर्वोपरि है, इसलिए चैत्र पूर्णिमा व्रत और पूजन 12 अप्रैल को ही मान्य होगा।

ब्रह्म मुहूर्त: 04:29 AM – 05:14 AM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM – 03:21 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:44 PM – 07:06 PM
निशिता काल: 11:59 PM – 12:44 AM

धन लाभ और सुख-शांति के लिए करें ये उपाय

चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर भगवान को खीर, फल और पंचामृत का भोग अर्पित करें। 'ॐ लक्ष्म्यै नमः' और 'ॐ विष्णवे नमः' का जाप 108 बार करें। माना जाता है कि इससे घर में समृद्धि आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।अगर आप मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, तो चैत्र पूर्णिमा की रात भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। कच्चे दूध, गंगाजल और शहद से अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मकता दूर होती है।

पवित्र नदियों में स्नान का महत्व

इस दिन गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। स्नान के बाद दीपदान करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र व दक्षिणा दान करें। इस साल चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जा रहा है, जो बजरंगबली के भक्तों के लिए खास दिन है। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर, चोला और बूंदी का भोग लगाएं तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है कि इससे रोग, शोक, भय और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

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