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मीन संक्रांति 2025: सूर्य उपासना और पुण्य लाभ का महापर्व

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सनातन धर्म में संक्रांति को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मीन संक्रांति वह शुभ तिथि है जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश कर संपूर्ण सृष्टि को अपनी दिव्य कृपा से आलोकित करते हैं। इस पावन दिन पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और सूर्य उपासना से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए सत्कर्म सभी कष्टों का नाश कर मोक्ष के द्वार खोलते हैं।

मीन संक्रांति 2025: पुण्य प्राप्ति का शुभ समय और तिथि

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस वर्ष मीन संक्रांति 14 मार्च 2025 को संध्याकाल 06:58 बजे होगी। इस दिन सूर्य देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे एक माह तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। 13 अप्रैल को सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे नववर्ष एवं मंगल कार्यों का शुभारंभ होगा।

पुण्य मुहूर्त में दिव्य साधना का अवसर

• पुण्य काल: दोपहर 12:39 से शाम 06:29 तक
• महा पुण्य काल: शाम 04:29 से शाम 06:29 तक
• पुण्य क्षण: शाम 06:59 पर
इन शुभ घड़ियों में किए गए स्नान, दान, जप एवं तप अनंत पुण्य प्रदान करते हैं।

शिव कृपा और शुभ संयोगों का महासंगम

इस वर्ष मीन संक्रांति पर शिववास योग का पावन संयोग बन रहा है, जो दोपहर 12:23 बजे से आरंभ होगा। मान्यता है कि इस योग में भगवान शिव माता पार्वती संग कैलाश पर विराजमान होते हैं और उनकी आराधना से समस्त दुखों का अंत होता है। इसके अतिरिक्त उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, बव एवं बालव करण के प्रभाव से यह संक्रांति विशेष रूप से शुभकारी बन जाती है।

मीन संक्रांति का आध्यात्मिक महत्व

सनातन धर्म में मीन संक्रांति को आत्मिक शुद्धि एवं पुण्य लाभ का दिव्य अवसर माना गया है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

गंगा स्नान करने से समस्त पापों का शमन होता है।
सूर्य उपासना से मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक बाधाओं का निवारण होता है।
अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, घी एवं स्वर्ण दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
सूर्य देव के इस गोचर से खरमास आरंभ होता है, जिसमें शुभ कार्यों से विराम रख केवल विष्णु एवं सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।

पंचांग अनुसार महत्वपूर्ण समय

• सूर्योदय: सुबह 06:32
• सूर्यास्त: शाम 06:29
• चंद्रोदय: शाम 06:38
• ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:55 से 05:44 तक
• विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:18 तक
• गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:26 से 06:51 तक
• निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:06 से 12:54 तक
संक्रांति पर क्या करें और क्या न करें?

क्या करें?

• प्रातः स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
• गाय, पक्षियों और जरूरतमंदों को अन्न एवं वस्त्र दान करें।
• भगवान विष्णु एवं सूर्य देव की आराधना करें।
• पीपल एवं तुलसी की पूजा करें।

क्या न करें?

• तामसिक आहार एवं मद्यपान से बचें।
• असत्य, क्रोध, अपशब्द एवं छल-कपट से दूर रहें।
• इस अवधि में शुभ कार्यों की योजना न बनाएं।
• किसी भी प्राणी को कष्ट न दें।

मीन संक्रांति 2025 केवल एक खगोलीय परिवर्तन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरण का दिव्य संदेश है। यह पुण्यदायी तिथि आत्मिक शुद्धि, मोक्ष प्राप्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इस शुभ अवसर पर किए गए दान-पुण्य, स्नान एवं आराधना से न केवल कष्टों का निवारण होता है, बल्कि सुख-समृद्धि एवं आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

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