आज के तेज़-तर्रार जीवन में एक चीज़ जो सबसे ज्यादा नजरअंदाज होती है, वो है हमारी सेहत। दिनभर की भागदौड़, कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन के सामने बिताया गया समय, और आरामदायक आदतें धीरे-धीरे हमें शारीरिक और मानसिक समस्याओं की ओर ले जाती हैं। ऐसे में हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाने वाला नेशनल एक्सरसाइज डे (National Exercise Day) हमें यह महत्वपूर्ण संदेश देता है कि फिट रहना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।
क्यों मनाया जाता है नेशनल एक्सरसाइज डे?
इस दिन का मकसद सीधा और साफ़ है – लोगों को यह समझाना कि रोज़ाना थोड़ी सी कसरत आपकी ज़िंदगी को लंबा और बेहतर बना सकती है। एक्सरसाइज डे की शुरुआत भले ही विदेशों में हुई हो, लेकिन आज यह दुनियाभर में एक अहम दिन बन चुका है। भारत जैसे देश में, जहां शहरी जीवनशैली धीरे-धीरे बैठने और कम चलने वाली आदतों में बदलती जा रही है, वहां यह दिन और भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया है।
बदला लाइफस्टाइल, बढ़ी बीमारियां
ऑफिस का काम, मोबाइल-लैपटॉप पर घंटों बिताना, बाहर का खाना और नींद की कमी – ये सब आज की आम बातें हैं। नतीजा? लोग कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और तनाव जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप हर दिन सिर्फ 30 मिनट भी कसरत करें – चाहे वो वॉक हो, योगा हो या हल्की स्ट्रेचिंग – तो इससे आपकी सेहत पर बहुत पॉज़िटिव असर पड़ता है।
एक्सरसाइज के फायदे - शरीर ही नहीं, दिमाग को भी फायदा
अक्सर लोग सोचते हैं कि एक्सरसाइज सिर्फ वजन घटाने के लिए होती है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उतनी ही ज़रूरी है। नियमित व्यायाम करने से:
• तनाव कम होता है
• नींद बेहतर होती है
• मन हल्का और खुश रहता है
• ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है
• इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है
• फिट रहने को लेकर युवाओं में जागरूकता
सोशल मीडिया और फिटनेस ऐप्स की वजह से अब युवाओं में फिट रहने को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है। लोग जिम जॉइन कर रहे हैं, रनिंग कर रहे हैं, साइकलिंग कर रहे हैं और हेल्दी डाइट की तरफ बढ़ रहे हैं। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर ढेर सारे फिटनेस चैलेंज भी चलते हैं, जो युवाओं को मोटिवेट करते हैं।हालांकि कुछ लोग सिर्फ ट्रेंड फॉलो करने के लिए शुरुआत करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे जब उन्हें फर्क महसूस होता है तो यह एक अच्छी आदत में बदल जाता है।
हर उम्र के लोगों के लिए ज़रूरी है एक्सरसाइज
यह ज़रूरी नहीं कि सिर्फ युवा ही कसरत करें। 50 साल से ऊपर के लोगों को भी रोज़ाना कुछ ना कुछ एक्टिविटी में शामिल होना चाहिए। हल्का वॉक, योगासन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग जैसी चीजें उनके लिए परफेक्ट होती हैं। इससे हड्डियां मजबूत रहती हैं, बैलेंस सुधरता है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
घर पर कसरत कैसे करें
• योगा – शरीर और मन, दोनों के लिए बेहतर
• Skipping (रस्सी कूदना) – मज़ेदार और असरदार
• Push-ups, Squats, Lunges – बिना किसी इक्विपमेंट के
• डांस या ज़ुंबा – म्यूज़िक के साथ फिटनेस
बच्चों को भी दें फिटनेस की सीख
आजकल के बच्चे भी मोबाइल और टीवी में ज्यादा वक्त बिताते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे उन्हें खेलों और आउटडोर एक्टिविटीज के लिए प्रेरित करें। फैमिली वॉक, साइकलिंग, या साथ में योगा सेशन्स शुरू किए जा सकते हैं। इससे न सिर्फ बच्चों की सेहत सुधरेगी, बल्कि पूरा परिवार एक साथ समय बिता पाएगा।
सोशल मीडिया पर मनाएं फिटनेस डे
आज का दौर डिजिटल है, ऐसे में सोशल मीडिया को अवेयरनेस का ज़रिया बनाया जा सकता है। आप भी 18 अप्रैल को अपनी कोई एक्सरसाइज की फोटो या वीडियो शेयर करें। हैशटैग्स जैसे #NationalExerciseDay, #FitnessForAll या #StayActive का इस्तेमाल करें। इससे आपके दोस्तों और परिवार को भी प्रेरणा मिलेगी।
फिटनेस की शुरुआत आज से ही
नेशनल एक्सरसाइज डे हमें यह मौका देता है कि हम रुकें, सोचें और अपनी सेहत के लिए कुछ करें। फिट रहने के लिए किसी महंगे जिम या सप्लीमेंट की ज़रूरत नहीं होती – सिर्फ रोज़ाना 20-30 मिनट की कसरत ही काफ़ी है।
18 अप्रैल का दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक अलार्म है – जो हमें यह याद दिलाता है कि अगर सेहत साथ है, तो ही जिंदगी का हर पल बेहतर है। तो आज से ही खुद से एक वादा करें – हर दिन थोड़ा चलेंगे, थोड़ा पसीना बहाएंगे, ताकि ज़िंदगी लंबी और सेहतमंद बने