आषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के साथ 02 जुलाई 2025, बुधवार का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार यह दिन कई बदलाव लेकर आएगा। सुबह से ही सप्तमी तिथि का प्रभाव रहेगा और दोपहर 11 बजकर 59 मिनट के बाद अष्टमी तिथि आरंभ हो जाएगी। हिंदू पंचांग में सप्तमी और अष्टमी दोनों तिथियों का विशेष महत्व माना जाता है, खासकर धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के लिए।
आचार्य इंदु प्रकाश के मुताबिक 02 जुलाई को वरीयान योग रहेगा, जो शाम 5 बजकर 47 मिनट तक प्रभावी रहेगा। वरीयान योग को शुभ योगों में से एक माना जाता है, जो कार्यों में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
नक्षत्र का परिवर्तन
02 जुलाई को नक्षत्र की स्थिति भी बदलेगी। सुबह 11 बजकर 8 मिनट तक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा और उसके बाद हस्त नक्षत्र का प्रवेश होगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को सौंदर्य, कला और प्रेम भावनाओं से जुड़ा हुआ माना जाता है, वहीं हस्त नक्षत्र के प्रभाव से कौशल और रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
अभिजीत मुहूर्त और पर्व-व्रत
पंचांग के अनुसार 02 जुलाई को अभिजीत मुहूर्त नहीं है। साथ ही कोई प्रमुख व्रत या पर्व भी इस दिन नहीं पड़ रहा, अतः दैनिक पूजा-पाठ और नियमित कार्यों के लिए दिन उत्तम रहेगा।
राहुकाल का समय (Rahu Kaal)
राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करना वर्जित माना गया है। आचार्य इंदु प्रकाश ने 02 जुलाई के लिए विभिन्न शहरों का राहुकाल इस प्रकार बताया:
- दिल्ली: दोपहर 12:25 से 02:09 बजे तक
- मुंबई: दोपहर 12:42 से 02:22 बजे तक
- चंडीगढ़: दोपहर 12:27 से 02:12 बजे तक
- लखनऊ: दोपहर 12:10 से 01:54 बजे तक
- भोपाल: दोपहर 12:24 से 02:05 बजे तक
- कोलकाता: सुबह 11:40 से 01:22 बजे तक
- अहमदाबाद: दोपहर 12:43 से 02:25 बजे तक
- चेन्नई: दोपहर 12:13 से 01:49 बजे तक
राहुकाल में विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय आरंभ करना या किसी भी तरह का महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 05:27 बजे
- सूर्यास्त: शाम 07:23 बजे
इस प्रकार दिन का कुल उजाला लगभग 13 घंटे 56 मिनट रहेगा, जो आपके लिए पर्याप्त समय देता है किसी भी आवश्यक कार्य को नियत समय में पूरा करने का।
ज्योतिषीय विशेषताएं और सलाह
02 जुलाई का दिन बुध ग्रह के अधिपत्य में आता है, जो बुद्धि, व्यापार, संवाद कौशल और शिक्षा से जुड़ा हुआ माना जाता है। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। अगर आप किसी नए ज्ञान की शुरुआत करना चाहते हैं, नई स्किल सीखना चाहते हैं या व्यवसाय में कोई रणनीतिक फैसला लेना चाहते हैं, तो दोपहर 11:59 बजे तक सप्तमी तिथि में यह करना बेहतर होगा।
अष्टमी तिथि में देवी दुर्गा की उपासना लाभकारी मानी जाती है। दोपहर 11:59 बजे के बाद आप मां दुर्गा को लाल पुष्प अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। वरीयान योग के प्रभाव से दिन में विशेष सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी, इसलिए कोर्ट-कचहरी के मामलों में, इंटरव्यू या परीक्षा में प्रयास करने वालों के लिए यह दिन अच्छा साबित हो सकता है।
बुधवार के उपाय
- हरे रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है।
- गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं।
- बुध ग्रह के दोष निवारण के लिए हरी मूंग का दान करें।
- यदि किसी तरह की वाणी या संचार में रुकावट महसूस कर रहे हैं, तो “ॐ बुधाय नमः” मंत्र का 21 बार जप अवश्य करें।
पंचांग का सार
- तिथि: सप्तमी दोपहर 11:59 बजे तक, फिर अष्टमी
- वार: बुधवार
- योग: वरीयान, शाम 5:47 बजे तक
- नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी सुबह 11:08 बजे तक, फिर हस्त
- राहुकाल: शहरवार अलग-अलग, दोपहर के समय
- सूर्योदय: 5:27 बजे
- सूर्यास्त: 7:23 बजे
- व्रत-पर्व: कोई नहीं
02 जुलाई 2025 का दिन सामान्यत: शुभ कहा जा सकता है, क्योंकि कोई ग्रहण, व्रत या अशुभ योग नहीं है। दिनभर सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे योग का संयोग है, जिससे आप अपने महत्वपूर्ण कार्यों को गति दे सकते हैं। केवल राहुकाल का ध्यान रखें और उसी के अनुसार अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें।