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90Hz vs 144Hz Display: कौन-सा डिस्प्ले स्मार्टफोन को बनाता है ज्यादा तेज और स्मूथ

90Hz vs 144Hz Display: कौन-सा डिस्प्ले स्मार्टफोन को बनाता है ज्यादा तेज और स्मूथ

स्मार्टफोन डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट अब परफॉर्मेंस का अहम हिस्सा बन गया है। जहां 90Hz डिस्प्ले रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए स्मूद और बैटरी-फ्रेंडली अनुभव देता है, वहीं 144Hz डिस्प्ले गेमिंग और हाई-परफॉर्मेंस टास्क के लिए बेहतर साबित होता है। दोनों का फर्क यूज़र की जरूरत और इस्तेमाल के हिसाब से तय होता है।

Smartphone Display Refresh Rate: आजकल स्मार्टफोन यूज़र्स सिर्फ कैमरा या बैटरी नहीं, बल्कि डिस्प्ले रिफ्रेश रेट पर भी ध्यान दे रहे हैं। बाजार में 60Hz से लेकर 144Hz तक के डिस्प्ले उपलब्ध हैं, जो स्क्रीन की स्मूदनेस और परफॉर्मेंस को तय करते हैं। 90Hz डिस्प्ले आम यूज़र्स के लिए बेहतर और बैलेंस्ड विकल्प है, जबकि 144Hz डिस्प्ले गेमर्स और हाई-ग्राफिक्स यूज़र्स को रियल-टाइम और लैग-फ्री अनुभव देता है। इस ट्रेंड से साफ है कि हाई रिफ्रेश रेट अब स्मार्टफोन की नई जरूरत बन चुका है।

बढ़ती तकनीक के साथ बदला यूज़र्स का फोकस

स्मार्टफोन खरीदते समय अब लोग सिर्फ कैमरा, बैटरी और प्रोसेसर पर ध्यान नहीं देते, बल्कि डिस्प्ले रिफ्रेश रेट को भी अहम मानते हैं। पहले जहां ज्यादातर फोन्स में 60Hz डिस्प्ले मिलता था, वहीं अब बाजार में 90Hz, 120Hz और 144Hz जैसे हाई रिफ्रेश रेट वाले डिस्प्ले आम हो गए हैं।
90Hz और 144Hz डिस्प्ले के बीच फर्क समझना जरूरी है, क्योंकि यही तय करता है कि आपका फोन कितना स्मूद, रेस्पॉन्सिव और गेमिंग फ्रेंडली है। जितना ज्यादा रिफ्रेश रेट होगा, उतनी ही फ्लूइड स्क्रीन एक्सपीरियंस मिलेगा।

क्या है रिफ्रेश रेट और कैसे करता है काम

रिफ्रेश रेट यह बताता है कि स्क्रीन हर सेकंड कितनी बार अपनी इमेज को अपडेट करती है। उदाहरण के लिए, 90Hz स्क्रीन प्रति सेकंड 90 बार और 144Hz स्क्रीन 144 बार रिफ्रेश होती है। इसका असर सीधे स्क्रीन की स्मूदनेस और विजुअल क्वालिटी पर पड़ता है।
हाई रिफ्रेश रेट डिस्प्ले पर स्क्रॉलिंग और गेमिंग अधिक नेचुरल लगती है। खासतौर पर तेज़ मूवमेंट वाले गेम्स में यह फर्क साफ महसूस होता है।

90Hz डिस्प्ले

90Hz डिस्प्ले अब मिड-रेंज स्मार्टफोन्स में आम है। यह 60Hz से कहीं ज्यादा स्मूद अनुभव देता है और ऐप स्विचिंग, स्क्रॉलिंग और गेमिंग को बेहतर बनाता है।
इसका एक बड़ा फायदा यह है कि यह ज्यादा बैटरी नहीं खपत करता। यानी, परफॉर्मेंस और पावर दोनों में यह अच्छा संतुलन बनाए रखता है, जिससे यह सामान्य यूज़र्स के लिए बेस्ट विकल्प बन जाता है।

144Hz डिस्प्ले 

144Hz डिस्प्ले मुख्य रूप से फ्लैगशिप और गेमिंग स्मार्टफोन्स में मिलता है। यह 90Hz से ज्यादा रेस्पॉन्सिव और विजुअली इम्प्रेसिव होता है।
FPS गेम्स जैसे PUBG Mobile, Free Fire या Call of Duty Mobile में यह डिस्प्ले तेजी से रिस्पॉन्स करता है, जिससे स्क्रीन लैग या डिले लगभग खत्म हो जाता है। हालांकि, इसकी पावर खपत अधिक होती है, इसलिए इसमें मजबूत बैटरी और प्रोसेसर की जरूरत पड़ती है।

बैटरी और प्रोसेसर पर असर

हाई रिफ्रेश रेट स्क्रीन अधिक डेटा प्रोसेस करती है, जिससे बैटरी और चिपसेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इसी कारण कई स्मार्टफोन ब्रांड्स यूज़र्स को 60Hz, 90Hz और 144Hz मोड के बीच स्विच करने का विकल्प देते हैं, ताकि जरूरत के हिसाब से बैटरी सेविंग की जा सके।

90Hz या 144Hz

अगर आप सोशल मीडिया, स्ट्रीमिंग या नॉर्मल गेमिंग के लिए फोन इस्तेमाल करते हैं तो 90Hz आपके लिए सही विकल्प है।
लेकिन अगर आप हैवी गेमर हैं या हाई-ग्राफिक्स वाले काम करते हैं तो 144Hz डिस्प्ले बेहतर परफॉर्मेंस देगा और गेमिंग को नए स्तर पर ले जाएगा।

90Hz और 144Hz दोनों डिस्प्ले अपने-अपने यूजर्स के लिए खास हैं। जहां 90Hz रोजमर्रा के इस्तेमाल में संतुलित और बैटरी-सेविंग अनुभव देता है, वहीं 144Hz गेमिंग और प्रोफेशनल परफॉर्मेंस के लिए बेहतरीन है।

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