भारत सरकार हर मोबाइल में स्वदेशी नेविगेशन ऐप ‘नाविक’ को इनबिल्ट करने पर विचार कर रही है, ताकि भारतीय उपयोगकर्ताओं का लोकेशन डेटा देश में ही सुरक्षित रहे। यह ऐप गूगल मैप्स के साथ या उसके विकल्प के रूप में उपलब्ध हो सकता है और देश की डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
Navigator App: भारत सरकार जल्द ही ऐसा नियम बनाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत हर मोबाइल फोन में स्वदेशी नेविगेशन ऐप ‘नाविक’ पहले से इंस्टॉल होगा। इस योजना का उद्देश्य है कि भारतीय नागरिकों का लोकेशन और नेविगेशन डेटा देश के बाहर न जाए। फिलहाल गूगल मैप्स के साथ या उसके विकल्प के रूप में ‘नाविक’ को शामिल करने की संभावना पर मंथन जारी है। यह पहल डेटा सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की बड़ी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
डेटा सुरक्षा पर सरकार का जोर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की प्राथमिक चिंता भारतीय डेटा की सुरक्षा है। गूगल सहित कई विदेशी ऐप्स के सर्वर देश के बाहर स्थित हैं, जिससे भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा उनके नियंत्रण में चला जाता है। यह न केवल प्राइवेसी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी जोखिम पैदा करता है।
इसी वजह से सरकार स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। ‘नाविक’ को अनिवार्य करने की योजना भी उसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। यह सिस्टम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है और सटीकता के मामले में वैश्विक GPS सिस्टम की बराबरी करता है।

मोबाइल से लेकर CCTV तक ‘मेक इन इंडिया’ का विस्तार
सरकार केवल नेविगेशन ऐप तक सीमित नहीं है। भविष्य में हर सर्वर और चिप को भारत में निर्मित करने का नियम भी बनाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, CCTV कैमरों में लगने वाले सभी चिप्स को भारतीय कंपनियों से ही खरीदने की तैयारी चल रही है।
इसके अलावा सरकारी मंत्रालयों के ईमेल और डॉक्यूमेंट शेयरिंग सिस्टम को विदेशी सॉफ्टवेयर से हटाकर भारतीय कंपनी Zoho के प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया जा चुका है। सरकार का कहना है कि जब भारतीय कंपनियां सुरक्षा मानकों पर विदेशी कंपनियों के बराबर हैं, तो फिर डेटा को बाहर भेजने की जरूरत नहीं।
रेलवे और अन्य विभागों में भी बढ़ेगा देसी सिस्टम
सूत्रों का कहना है कि रेलवे में नेविगेशन और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए जल्द ही ‘मैपल’ कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया जा सकता है। इसके लिए बाकायदा टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। सरकार चाहती है कि देश की अहम सेवाओं में विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम की जाए।
‘नाविक’ को हर मोबाइल में इनबिल्ट करने का प्रस्ताव भारत की डिजिटल संप्रभुता की दिशा में एक अहम कदम है। अगर यह योजना लागू होती है, तो भारत अपनी लोकेशन और नेविगेशन तकनीक में आत्मनिर्भर बन सकता है।













