उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सीट से विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
लखनऊ: मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब उनकी विधायकी बहाल होगी और उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट पर अब उपचुनाव नहीं होगा। हेट स्पीच मामले में मऊ एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने क्रिमिनल रिवीजन को स्वीकार किया, जिससे अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी। इस फैसले के बाद मऊ सदर सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
हेट स्पीच मामले का पूरा विवरण
अब्बास अंसारी पर हेट स्पीच के मामले में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान राज्य अधिकारियों को परिणाम भुगतने की धमकी दी और दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास किया। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट मऊ ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी।
सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास अंसारी ने विशेष अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष स्थगन की प्रार्थना की थी, जिसे 5 जुलाई को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दाखिल की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब इस याचिका को स्वीकार करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले पर स्थगन की मंजूरी दे दी।
हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी। इसका सीधा असर मऊ सीट पर होने वाले संभावित उपचुनाव पर पड़ा है, जो अब आयोजित नहीं होगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह फैसला क्षेत्रीय राजनीति और समाज में संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा। अब्बास अंसारी की बहाली से सपा और अन्य सहयोगी दलों को रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
अब्बास अंसारी ने कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया और कानून के प्रति उनका विश्वास मजबूत करता है। अब उन्हें अपनी विधायकी के कर्तव्यों को निर्वाह करने का अवसर मिलेगा और क्षेत्र के विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।