यह भारत की तीसरी स्टील स्लैग रोड है, लेकिन विश्व स्तर पर यह पहली ऐसी सड़क है जो किसी बंदरगाह परिसर के भीतर बनाई गई है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने भारत और एपीएसईजेड (APSEZ) को सतत समुद्री अवसंरचना के क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिला दिया है।
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया की पहली स्टील स्लैग रोड का निर्माण किया है, जो किसी बंदरगाह के अंदर तैयार की गई है। यह सड़क गुजरात के हजीरा पोर्ट पर बनाई गई है और यह भारत की तीसरी स्टील स्लैग रोड है, लेकिन किसी पोर्ट में बनने वाली दुनिया की पहली सड़क बन गई है।
स्टील स्लैग से बनी 1.1 किलोमीटर लंबी सड़क
हजीरा पोर्ट के भीतर बनी यह 1.1 किलोमीटर लंबी सड़क मल्टी पर्पस बर्थ (MPB-1) को कोल यार्ड से जोड़ती है। इस पूरी सड़क के निर्माण में प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो स्टील निर्माण के दौरान निकलने वाला वेस्ट मैटेरियल होता है। यह पूरी परियोजना ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की सोच पर आधारित है और पर्यावरण के अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ती है।
CSIR-CRRI के साथ तकनीकी साझेदारी
इस परियोजना को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) के सहयोग से पूरा किया गया है। सड़क की डिजाइनिंग और स्ट्रक्चर को इस तरह से तैयार किया गया है कि वह भारी-भरकम पोर्ट ट्रैफिक को भी सह सके और लंबे समय तक बिना मरम्मत के काम करे।
सड़क डिजाइन में तकनीकी नवाचार
CSIR-CRRI ने इस सड़क के लिए फ्लेक्सिबल पेवमेंट डिजाइन तैयार किया है। यह डिजाइन कम लागत में ज्यादा क्षमता और स्थायित्व देता है। साथ ही, स्टील स्लैग जैसे इंडस्ट्रियल वेस्ट के प्रयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाला असर भी घटता है। इस डिजाइन को खासतौर पर पोर्ट्स के अंदरूनी ट्रैफिक और भारी मशीनों के दबाव को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
BGCT प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का हिस्सा
हजीरा पोर्ट में बन रही यह सड़क बल्क एंड जनरल कार्गो टर्मिनल (BGCT) प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का हिस्सा है। इस चरण में पोर्ट की ढुलाई क्षमता बढ़ाने और हरित तकनीकों को लागू करने पर जोर दिया गया है।
मैरीटाइम इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत की बड़ी छलांग
दुनिया की पहली पोर्ट-इनसाइड स्टील स्लैग रोड बनाकर भारत और अदाणी ग्रुप ने वैश्विक समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में खुद को एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित कर दिया है। यह पहल भविष्य के हरित पोर्ट्स की ओर बढ़ाया गया मजबूत कदम है।
उद्घाटन में मौजूद रहे कई बड़े नाम
इस ऐतिहासिक सड़क का उद्घाटन नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान एवं तकनीकी) डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने किया। उनके साथ CSIR की महानिदेशक और DSIR की सचिव एन. कलईसेलवी, CSIR-CRRI के निदेशक और इंडियन रोड्स कांग्रेस के अध्यक्ष मनोरंजन परिदा भी मौजूद रहे।
APSEZ का नवाचार और स्थायित्व पर फोकस
अदाणी ग्रुप का यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक सिविल निर्माण नहीं है, बल्कि यह एक सोच है जो नवाचार, इंडस्ट्रियल इकोलॉजी और पर्यावरणीय स्थायित्व को साथ लेकर चलती है। कंपनी का कहना है कि वह ऐसे और भी प्रोजेक्ट्स के जरिए देश की प्रगति में अपना योगदान देता रहेगा।
हजीरा पोर्ट बन रहा है ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर का मॉडल
हजीरा पोर्ट पर इस तरह की टिकाऊ पहलें इसे ग्रीन पोर्ट्स की दिशा में मॉडल बना रही हैं। इस स्टील स्लैग रोड के बाद अब दूसरे पोर्ट्स और औद्योगिक क्षेत्रों में भी इस तकनीक को अपनाने की उम्मीद की जा रही है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो भारत को वैश्विक हरित विकास के पथ पर अग्रणी बना सकता है।