देशभर में कार्य घंटों को लेकर जारी बहस के बीच तेलंगाना सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने कॉमर्शियल इकाइयों के लिए हर दिन 10 घंटे काम और 48 घंटे के वीकली वर्क शेड्यूल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत अब राज्य की व्यावसायिक इकाइयों में कर्मचारी सप्ताह में छह दिन तक 8 के बजाय 10 घंटे काम कर सकेंगे।
देश में वर्किंग ऑवर्स को लेकर चल रही बहस के बीच तेलंगाना सरकार ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने 5 जुलाई को एक आधिकारिक आदेश जारी कर बताया कि राज्य की कॉमर्शियल इकाइयों में अब हर रोज 10 घंटे तक काम किया जा सकेगा, लेकिन पूरे हफ्ते में काम के घंटे 48 से ज्यादा नहीं होने चाहिए। यह नया नियम तेलंगाना दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1988 के तहत लागू किया गया है।
दुकानों और मॉल्स पर नियम लागू नहीं
सरकार के इस आदेश का दायरा केवल उन कॉमर्शियल संस्थानों तक सीमित रहेगा जो उद्योग, कारखाने और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अंतर्गत आते हैं। दुकानों, मॉल्स और रिटेल स्टोर्स को इस नियम से बाहर रखा गया है। इन पर फिलहाल पुराना नियम ही लागू रहेगा।
कर्मचारियों को ओवरटाइम का फायदा मिलेगा
सरकार की ओर से साफ किया गया है कि अगर कोई कर्मचारी तय 10 घंटे से ज्यादा काम करता है, तो उसे ओवरटाइम वेतन मिलेगा। हालांकि, ओवरटाइम की अधिकतम सीमा भी तय की गई है। किसी भी दिन काम की अवधि ओवरटाइम समेत 12 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकेगी। इसी तरह, किसी भी तिमाही में एक कर्मचारी से अधिकतम 144 घंटे ओवरटाइम करवाया जा सकता है।
रोजाना छह घंटे से ज्यादा काम पर ब्रेक जरूरी
इस नए नियम के तहत काम करने की अवधि छह घंटे से ज्यादा होने पर कंपनी को कर्मचारी को कम से कम 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य होगा। यह ब्रेक कार्यदिवस के बीच में देना होगा और यह नियम सभी यूनिट्स पर लागू होगा। इसके अलावा कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ओवरटाइम करवाने के बावजूद कर्मचारियों की सेहत और आराम का पूरा ध्यान रखा जाए।
8 जुलाई से लागू होगा नया नियम
तेलंगाना सरकार का यह नया कानून 8 जुलाई को तेलंगाना राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद से प्रभावी हो जाएगा। यानी 8 जुलाई से राज्य की सभी संबंधित इकाइयों को इस नियम का पालन करना जरूरी होगा।
अगर नियमों का उल्लंघन हुआ तो होगी कार्रवाई
सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो कंपनियां इन नए नियमों का पालन नहीं करेंगी, उनकी दी गई सभी व्यावसायिक छूट रद्द कर दी जाएगी। इसके अलावा श्रम विभाग की ओर से उन पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
बदलते वक्त में नई पहल
तेलंगाना सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब देशभर में वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस तेज हो रही है। कुछ कॉरपोरेट प्रमुखों द्वारा सप्ताह में ज्यादा घंटे काम करने की वकालत के बाद इस मुद्दे ने और जोर पकड़ लिया है।
पिछले साल से चल रही है वर्क वीक की चर्चा
गौरतलब है कि पिछले साल जब इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात कही थी, तो इस पर खूब बहस छिड़ी थी। इसके कुछ समय बाद एल एंड टी के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन ने तो 90 घंटे के वर्क वीक की बात कह दी थी, जिस पर सोशल मीडिया और वर्किंग क्लास ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
श्रम विभाग की नजर रखेगी कंपनियों पर
नए नियमों के पालन को लेकर राज्य का श्रम विभाग निगरानी रखेगा। अगर किसी कंपनी के खिलाफ नियमों के उल्लंघन की शिकायत मिलती है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों और कंपनियों दोनों पर असर
इस नए नियम से जहां कंपनियों को ज्यादा घंटों में काम करवाने की सुविधा मिलेगी, वहीं कर्मचारियों को तय सीमा से अधिक काम करने पर ओवरटाइम वेतन का लाभ मिलेगा। साथ ही, दैनिक ब्रेक की व्यवस्था से कर्मचारियों को राहत भी मिलेगी।
राज्य के लिए अहम बदलाव
तेलंगाना जैसे तेजी से औद्योगीकृत हो रहे राज्य में यह फैसला कामकाजी माहौल को नई दिशा देने वाला है। अब देखने वाली बात होगी कि इससे राज्य में व्यापार और रोजगार के अवसर किस तरह बढ़ते हैं और कंपनियों की कार्यप्रणाली में क्या बदलाव आता है।