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अहमदाबाद बैंक फ्रॉड केस: ED ने तीन ठिकानों पर मारा छापा, करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा

अहमदाबाद बैंक फ्रॉड केस: ED ने तीन ठिकानों पर मारा छापा, करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा

अहमदाबाद में ED ने बैंक फ्रॉड मामले में तीन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में ₹10.95 करोड़ की गड़बड़ी का पता चला, कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए। मामला ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शिकायत पर शुरू हुआ।

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक फ्रॉड से जुड़े एक बड़े मामले में एक साथ तीन जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शिकायत पर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। ED को शक है कि कुछ फर्मों ने फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए बैंक से करोड़ों रुपये उधार लिए और उसे अन्य खातों और कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया।

जांच में अब तक लगभग ₹10.95 करोड़ की रकम को “Proceeds of Crime” यानी अपराध से अर्जित रकम के रूप में चिन्हित किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि ED की टीम मामले की गहन पड़ताल कर रही है और बैंक फ्रॉड में शामिल सभी वित्तीय लेनदेन का ट्रेस कर रही है।

तीन कंपनियों पर छापेमारी

ED ने अहमदाबाद जोन में एम/एस श्री ओम फैब, एम/एस श्री बाबा टेक्सटाइल और एम/एस श्री लक्ष्मी फैब के ठिकानों पर छापेमारी की। इन तीनों फर्मों की प्रोप्राइटरशिप रंजीत कुमार जे. लूनिया के नाम पर है। ये कंपनियां ग्रे कपड़े (Grey Cloth) के ट्रेडिंग व्यवसाय में शामिल बताई जा रही हैं।

जांच में यह पता चला कि बैंक से ली गई कैश क्रेडिट सुविधा का असली व्यवसाय में उपयोग नहीं किया गया। इसके बजाय फर्मों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे पैसे हासिल कर उसे अन्य खातों और कंपनियों में ट्रांसफर किया। ED की टीम ने इस छानबीन में कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए।

फर्जी दस्तावेज़ों से किया गया बैंक फ्रॉड

सूत्रों के अनुसार, इन फर्मों ने बैंक से कैश क्रेडिट सुविधा लेने के लिए गलत अकाउंट स्टेटमेंट, फर्जी इनवॉइस और अन्य झूठे दस्तावेज़ जमा किए। बैंक से मिली रकम को असली बिजनेस में निवेश करने की बजाय अन्य कंपनियों और खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।

अब तक की जांच में लगभग ₹10.95 करोड़ की रकम को “Proceeds of Crime” यानी अपराध से कमाई गई राशि के रूप में चिन्हित किया गया है। यह रकम सीधे फर्जी दस्तावेज़ और गलत लेनदेन के जरिए हासिल की गई बताई जा रही है।

ED ने जब्त किए अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड

छापेमारी के दौरान ED की टीम ने फर्मों के दफ्तर और गोदामों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए। अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों की जांच से यह पता लगाया जाएगा कि बैंक से मिली रकम किन खातों में ट्रांसफर हुई और उसे आगे किस तरह इस्तेमाल किया गया।

ED की टीम इन कंपनियों के फाइनेंशियल ट्रेल और लेनदेन के रूट का बारीकी से विश्लेषण कर रही है। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि किस तरह से फ्रॉड की गई और कौन-कौन शामिल था।

बैंक की शिकायत पर CBI ने FIR दर्ज की

पूरा मामला तब सामने आया जब ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने आरोप लगाया कि फर्मों ने कर्ज की रकम का गलत इस्तेमाल किया और उसे निजी लाभ के लिए ट्रांसफर कर दिया। बैंक की शिकायत पर CBI ने एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद यह मामला ED के पास पहुंचा।

ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत छापेमारी की और अब आगे की जांच के लिए जरूरी कदम उठा रही है।

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