अहमदाबाद विमान हादसे में 260 लोगों की मौत हुई। एएआईबी की रिपोर्ट में दोनों इंजन बंद होने की बात सामने आई। एयर इंडिया ने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुई दर्दनाक एयर इंडिया विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एएआईबी (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में तकनीकी खामी की संभावना के साथ-साथ पायलटों के संवाद और फ्लाइट के आखिरी 32 सेकंड की स्थिति का खुलासा हुआ है। इस हादसे में 260 लोग मारे गए थे। एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रही है।
हादसे पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने शुक्रवार देर रात अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड के भीतर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे। यह स्थिति ईंधन की आपूर्ति रुकने के कारण बनी थी।
रिपोर्ट में 15 पन्नों में विस्तृत विवरण दिया गया है कि कैसे टेकऑफ के बाद अचानक thrust में गिरावट आई और विमान सीधे नीचे गिरने लगा। यह स्पष्ट किया गया है कि इंजन को ईंधन की आपूर्ति रुकने से यह स्थिति बनी, लेकिन यह नहीं बताया गया कि ईंधन cutoff switch अपने आप कैसे ऑन हो गया।
कॉकपिट रिकॉर्डर में पायलटों के बीच बातचीत दर्ज
जांच रिपोर्ट में एक अहम खुलासा पायलटों की बातचीत से हुआ है। कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने ईंधन क्यों बंद किया?” इस पर दूसरा जवाब देता है, “मैंने नहीं किया।”
हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह संवाद कप्तान और सह-पायलट में से किसने बोला। इसके अलावा, “Mayday, Mayday, Mayday” का संदेश किसने प्रसारित किया, यह भी साफ नहीं किया गया है।
RAT सिस्टम ने किया इमरजेंसी में काम
जैसे ही इंजन की ताकत कम हुई, विमान की आपातकालीन हाइड्रोलिक शक्ति को बनाए रखने के लिए रैम एयर टरबाइन (RAT) अपने आप सक्रिय हो गया। यह एक छोटा प्रोपेलर जैसा उपकरण होता है जो आपातकाल में आवश्यक ऊर्जा देता है।
जांच एजेंसी ने बताया कि दुर्घटना स्थल के पास लगे सीसीटीवी में RAT के सक्रिय होने का फुटेज भी मिला है, जिससे यह सिद्ध होता है कि इंजन बंद होने के बाद इमरजेंसी सिस्टम ने कोशिश की थी विमान को संभालने की।
सिर्फ 32 सेकंड रहा विमान हवा में
एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक टेकऑफ के बाद विमान सिर्फ 32 सेकंड तक ही हवा में रह पाया। रनवे से लगभग 0.9 नॉटिकल मील की दूरी पर एक छात्रावास (hostel) की इमारत से टकरा गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पायलटों ने दोनों इंजनों को फिर से शुरू करने की कोशिश की। इनमें से एक इंजन आंशिक रूप से शुरू हुआ, लेकिन दूसरा इंजन शुरू नहीं हो सका और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
थ्रस्ट लीवर inoperative मिले
ब्लैक बॉक्स के डेटा के अनुसार, विमान का टेकऑफ थ्रस्ट अभी भी एक्टिव था। हालांकि, थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय अवस्था में पाए गए, जिससे संकेत मिलता है कि थ्रस्ट सिस्टम में कोई डिस्कनेक्ट या फेलियर हुआ होगा। ईंधन की गुणवत्ता की जांच में किसी भी प्रकार के संदूषण की पुष्टि नहीं हुई। न तो ईंधन में कोई अशुद्धता थी और न ही आपूर्ति स्रोत में कोई समस्या पाई गई।
मौसम और फ्लाइट कंडीशन सामान्य
फ्लाइट के टेकऑफ के समय मौसम सामान्य था। आसमान साफ था, दृश्यता अच्छी थी और कोई तेज हवा नहीं चल रही थी। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि विमान की फ्लैप सेटिंग और गियर पोजीशन टेकऑफ के लिए सामान्य थी। कोई पक्षी टकराने या बिजली गिरने जैसी बाहरी वजह भी सामने नहीं आई है।
पायलटों की ट्रेनिंग और स्वास्थ्य थे सामान्य
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों पायलटों की पृष्ठभूमि साफ-सुथरी थी। उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी और उन्हें Boeing 787 उड़ाने का पूरा अनुभव था। दोनों पायलट चिकित्सकीय रूप से फिट थे और उड़ान से पहले उनकी कोई भी मेडिकल समस्या रिपोर्ट नहीं की गई थी।
संभावित तकनीकी खामी की ओर इशारा
हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया कि दुर्घटना के पीछे sabotage या तोड़फोड़ का हाथ है, लेकिन रिपोर्ट में FAA (Federal Aviation Administration) की एक पुरानी तकनीकी चेतावनी का उल्लेख किया गया है।
इस चेतावनी में ईंधन कटऑफ स्विच में संभावित खराबी की आशंका जताई गई थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एयर इंडिया द्वारा इन मुद्दों की समय रहते जांच नहीं की गई थी।
एयर इंडिया का बयान
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद एयर इंडिया ने शनिवार को सार्वजनिक बयान जारी किया।
एयरलाइन ने कहा कि उन्हें AAIB द्वारा जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट की जानकारी मिल गई है और वे सभी नियामक एजेंसियों और हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि वे AAIB और अन्य अधिकारियों की जांच प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग देते रहेंगे।