Pune

AI की आंधी से 2025 में 60,000 से ज्यादा नौकरियां गईं, टेक कंपनियों में हलचल

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहां नई संभावनाओं और अवसरों के दरवाजे खोल रहा है, वहीं यह हज़ारों लोगों के लिए रोजगार का संकट भी बनता जा रहा है।

2025 में जब दुनिया डिजिटल परिवर्तन के नए दौर में प्रवेश कर रही है, उस समय तकनीकी तरक्की के साथ-साथ नौकरी छिनने की आंधी भी उठी है। एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन ने कंपनियों की उत्पादकता और प्रोफिट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, वहीं दूसरी ओर इंसानों के लिए काम की जरूरत घटती जा रही है। इसका सबसे बड़ा असर देखने को मिला है टेक इंडस्ट्री पर, जहां इस साल की पहली छमाही में ही 62 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

AI की रफ्तार से पिछड़ रही है इंसानी श्रमशक्ति

AI के विकास को लेकर जो उत्साह है, वह अब चिंता में भी बदल रहा है। कंपनियां लागत घटाने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने के नाम पर कर्मचारियों को निकाल रही हैं। वहीं दूसरी ओर, यही कंपनियां AI टेक्नोलॉजी में अरबों डॉलर निवेश कर रही हैं। यानी जो काम पहले दस लोग करते थे, वह अब एक मशीन कर रही है, और यही सबसे बड़ा बदलाव बनकर सामने आया है।

Intel ने चौंकाया, 21 हजार से अधिक कर्मचारियों को निकाला

सेमीकंडक्टर और प्रोसेसर बनाने वाली दिग्गज कंपनी Intel ने 2025 में अब तक की अपनी सबसे बड़ी छंटनी का ऐलान किया है। कंपनी 21,700 से अधिक कर्मचारियों को हटाने जा रही है, जो कि कुल वर्कफोर्स का लगभग पांचवां हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, Intel Foundry डिविजन में भी 15 से 20 फीसदी कर्मचारियों को निकाला जाएगा। यह कदम कंपनी के एक नए रणनीतिक पुनर्गठन का हिस्सा है, जिसे नया CEO लीड कर रहा है।

Panasonic भी पीछे नहीं, 10 हजार नौकरियां खत्म

जापान की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Panasonic ने भी 10 हजार कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है। कंपनी ने धीमे चलने वाले उत्पादों जैसे टीवी और इंडस्ट्रियल उपकरणों की बजाय अब AI और स्मार्ट उत्पादों पर फोकस करने का निर्णय लिया है। इस छंटनी में आधे कर्मचारी जापान से और आधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित होंगे।

Microsoft और Meta की टार्गेटेड छंटनी

Microsoft ने मई 2025 में 6,500 कर्मचारियों की छंटनी की। इसमें सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, मार्केटिंग, लीगल और मिड-मैनेजमेंट से जुड़े लोग शामिल हैं। Meta ने भी 3,600 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला है। खास बात यह रही कि इस छंटनी में ऐसे कर्मचारियों को प्राथमिकता से हटाया गया जिन्हें 'लो परफॉर्मर' की श्रेणी में रखा गया था। Meta की Facebook, Horizon VR और Reality Labs जैसी टीमें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।

Google, Amazon और HP भी इस दौड़ में शामिल

HP ने लगभग 2,000 कर्मचारियों को हटाया है। Google ने भी अपने Android, Chrome, Pixel और क्लाउड डिविजन से सैकड़ों लोगों को निकाला है। Amazon ने Alexa, Echo और Zoox जैसी भविष्य की तकनीकों पर काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी की है, जिससे यह साफ होता है कि कंपनियां अब केवल मुनाफे पर फोकस कर रही हैं।

Blue Origin और Salesforce ने भी दिखाई सख्ती

Jeff Bezos की स्पेस कंपनी Blue Origin ने अपने कुल कर्मचारियों का 10 प्रतिशत यानी करीब 1,000 लोगों को निकाल दिया है। Salesforce ने भी करीब 1,000 कर्मचारियों को हटाया है, हालांकि कंपनी अब AI-केंद्रित नई भर्तियां कर रही है। इसी प्रकार, Workday ने भी 1,750 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, जो उसके कुल स्टाफ का 8.5 प्रतिशत है।

ऑटो और रिटेल कंपनियों में भी हलचल

Nissan ने 2027 तक 20,000 नौकरियां खत्म करने की योजना बनाई है। यह निर्णय चीन में घटती मांग और अमेरिका में लगने वाले टैरिफ के चलते लिया गया है। रिटेल दिग्गज Starbucks ने अपने कॉर्पोरेट सेक्टर से 1,100 लोगों को निकाला है ताकि संचालन में चुस्ती लाई जा सके और लागत घटाई जा सके।

मिड और स्मॉल कंपनियां भी बचाव में जुटीं

छोटे और मझोले स्तर की कंपनियां भी इस छंटनी की लहर से अछूती नहीं हैं। Block, जो Jack Dorsey की कंपनी है, ने 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। General Motors की सेल्फ-ड्राइविंग यूनिट Cruise ने अपने आधे स्टाफ को निकालते हुए यूनिट को फिर से GM के अधीन कर दिया है। Match Group (Tinder, Hinge) ने 13 प्रतिशत और Automattic (WordPress, Tumblr) ने 16 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाया है।

AI स्किल्स वालों की मांग बढ़ी, बाकी खतरे में

यह छंटनी केवल आर्थिक संकट या मंदी का परिणाम नहीं है, बल्कि यह AI के युग में प्रवेश की प्रक्रिया है। पारंपरिक भूमिकाएं जैसे डेटा एंट्री, बेसिक कोडिंग, कस्टमर सपोर्ट आदि अब मशीनें कर रही हैं। वहीं AI, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसीलिए कंपनियां छंटनी के साथ-साथ AI-स्किल्ड प्रोफेशनल्स की भी हायरिंग कर रही हैं।

इंसानी पूंजी बनाम मशीन की रेस

यह दौर एक नई बहस को जन्म दे रहा है  क्या तकनीकी तरक्की मानव संसाधन को विस्थापित कर देगी? AI ने जहां एक ओर प्रक्रिया को तेज़ और सटीक बना दिया है, वहीं भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नैतिक निर्णय और सामाजिक व्यवहार जैसे पहलुओं में इंसान की भूमिका अभी भी अनिवार्य है। लेकिन कंपनियां फिलहाल मुनाफे की दौड़ में इन पहलुओं की अनदेखी कर रही हैं।

Leave a comment