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AI पर अंधा भरोसा खतरनाक, Zoho फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने दी चेतावनी

AI पर अंधा भरोसा खतरनाक, Zoho फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने दी चेतावनी

Zoho कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और चीफ साइंटिस्ट श्रीधर वेम्बू ने AI के अंधाधुंध इस्तेमाल को लेकर प्रोफेशनल्स को चेताया है। उनका कहना है कि AI सीखने और काम की गति बढ़ाने में सहायक है, लेकिन अगर बिना समीक्षा या पूरी तरह निर्भर होकर इस्तेमाल किया जाए तो यह प्रोडक्टिविटी और क्वालिटी को नुकसान पहुंचा सकता है।

Artificial Intelligence: Zoho कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और चीफ साइंटिस्ट श्रीधर वेम्बू ने अगस्त 2025 में X (पहले ट्विटर) पर अपने अनुभव साझा करते हुए चेतावनी दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सीखने और काम की रफ्तार बढ़ाने का बेहतरीन टूल है, लेकिन अगर इस पर अंधा भरोसा किया जाए या AI-जनित कंटेंट बिना जांचे ग्राहक तक भेजा जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। वेम्बू के अनुसार, AI इंसान का विकल्प नहीं बल्कि केवल सहायक है।

सही उपयोग से होने वाले फायदे

वेम्बू का मानना है कि AI सीखने की प्रक्रिया को तेज़ करता है और काम की रफ्तार भी बढ़ाता है। उदाहरण के लिए, कस्टमर सपोर्ट में AI एजेंट्स को तेज़ी से जवाब देने में मदद करता है, जिससे ग्राहक अनुभव बेहतर होता है। इसी तरह कुछ प्लेटफॉर्म्स पर यह प्रोडक्ट एक्सपीरियंस को निखारता है, जैसा कि X (पूर्व ट्विटर) पर Grok टूल करता है।

लेकिन उनका कहना है कि AI को इंसानों की पूरी तरह जगह नहीं लेनी चाहिए। खासतौर पर कंटेंट तैयार करने में AI पर आंख मूंदकर भरोसा करना सही नहीं है। वेम्बू के अनुसार, 'सबसे बड़ी गलती यह है कि बिना बताए ग्राहक को AI-जनरेटेड टेक्स्ट भेज दिया जाए। इससे कंपनी की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।'

वेम्बू का एआई उपयोग करने का तरीका

अगस्त 2025 में X पर अपने अनुभव साझा करते हुए श्रीधर वेम्बू ने बताया कि वे रोज़ाना दो से तीन बार AI टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उनके फोन में टॉप-5 AI ऐप्स इंस्टॉल हैं और वे खुद को “मॉडरेट से हेवी यूज़र” मानते हैं।

उन्होंने बताया कि AI की वजह से उनकी वेब सर्चिंग लगभग 80% तक कम हो गई है, क्योंकि AI सीधे और तेज़ी से जवाब दे देता है। दिलचस्प बात यह है कि वेम्बू अक्सर अलग-अलग AI चैट सिस्टम्स को आपस में डिबेट करने देते हैं ताकि किसी जटिल टॉपिक को गहराई से समझा जा सके।

वेम्बू की चेतावनी: सावधानी से करें AI का इस्तेमाल

वेम्बू ने चेतावनी दी कि AI का इस्तेमाल सावधानी के साथ करना चाहिए। उनका कहना है कि AI से लिखा गया कोड सीधे इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक है। इस कोड को बिना समीक्षा किए प्रोडक्शन सिस्टम में डालना गैर-प्रोफेशनल रवैया है।

उनके मुताबिक, AI द्वारा लिखे गए कोड को सख्त कंप्लायंस, प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिव्यू से गुजरना ज़रूरी है। अगर यह प्रक्रिया छोड़ दी जाए तो डेवलपर्स भले ही समय बचा लें, लेकिन लंबे समय में कंपनी के लिए बड़े खतरे खड़े हो सकते हैं।

वेम्बू ने कहा कि कई बार इन जांचों में इतना समय लग जाता है कि AI से बचाया गया समय भी बेकार हो जाता है। ऐसे हालात में AI उत्पादकता घटाने वाला भी साबित हो सकता है।

AI टूल है, इंसान का विकल्प नहीं

Zoho कॉरपोरेशन की नीति के बारे में बात करते हुए वेम्बू ने बताया कि कंपनी अपने प्रोग्रामर्स को AI का इस्तेमाल सीखने और समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित करती है, लेकिन इंसानी निर्णय क्षमता को बदलने के लिए नहीं।

उनका कहना है कि AI को इंसानों का विकल्प मानना गलत है। “AI एक शानदार सीखने का टूल है, लेकिन इंसान की सोच, रचनात्मकता और निर्णय लेने की क्षमता का विकल्प नहीं हो सकता।”

AI पर Zoho के लगातार प्रयोग

वेम्बू ने यह भी जोड़ा कि Zoho लगातार AI को लेकर प्रयोग कर रही है। जैसे-जैसे वास्तविक अनुभव सामने आ रहे हैं, कंपनी अपनी रणनीति में बदलाव भी कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि आने वाले समय में AI की भूमिका और स्पष्ट होगी, लेकिन फिलहाल इसे सावधानी से अपनाना ही समझदारी है।

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