आर्थराइटिस एक जोड़ संबंधी समस्या है, जिसमें सूजन, दर्द और अकड़न होती है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, खासकर बुजुर्गों में अधिक सामान्य है। अधिक वजन, चोट, जेनेटिक फैक्टर और ऑटोइम्यून रिएक्शन इसके मुख्य कारण हैं। नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, वजन नियंत्रण और डॉक्टर की सलाह से बचाव संभव है।
Arthritis: आर्थराइटिस जोड़ में सूजन, दर्द और अकड़न पैदा करने वाली आम बीमारी है, जो बुजुर्गों के साथ किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इसके मुख्य कारणों में उम्र बढ़ना, अधिक वजन, चोट, ऑटोइम्यून रिएक्शन और जेनेटिक फैक्टर शामिल हैं। महिलाओं में रूमेटॉयड आर्थराइटिस का खतरा ज्यादा होता है। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित हल्की एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग, कैल्शियम व विटामिन-डी युक्त डाइट और वजन नियंत्रण से लक्षण कम किए जा सकते हैं, जबकि दर्द या सूजन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
आर्थराइटिस क्या है
आर्थराइटिस एक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें जोड़ में सूजन, दर्द और अकड़न होती है। इसके कई प्रकार होते हैं, जिनमें ओस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉयड आर्थराइटिस सबसे सामान्य हैं।
ओस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ के कार्टिलेज यानी हड्डियों के बीच नरम हिस्से धीरे-धीरे घिसने लगते हैं। इससे जोड़ में दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में कठिनाई महसूस होती है।
रूमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही जोड़ पर हमला कर देता है। इससे सूजन, दर्द और असहजता बढ़ जाती है।
इसके अलावा गाउट और जैवफ्लेमेटरी आर्थराइटिस जैसी स्थितियां भी देखने को मिलती हैं। सभी प्रकार के आर्थराइटिस में समय पर पहचान और इलाज बहुत जरूरी है।
आर्थराइटिस के लक्षण
आर्थराइटिस के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं। शुरुआती संकेतों में जोड़ में हल्का दर्द, सुबह उठते समय जकड़न और हल्की सूजन शामिल होती है।
जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती है, जोड़ चलाने में कठिनाई, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और लंबे समय तक दर्द रह सकता है। आमतौर पर घुटने, कूल्हे, कलाई और उंगलियों के जोड़ प्रभावित होते हैं।
लंबे समय तक सूजन रहने पर जोड़ की हड्डियां और कार्टिलेज भी खराब हो सकते हैं। इसलिए लक्षण दिखते ही जांच और इलाज कराना आवश्यक है।
आर्थराइटिस से बचाव के उपाय
- नियमित हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करने से जोड़ मजबूत रहते हैं।
- हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। इसमें कैल्शियम और विटामिन डी युक्त चीजें शामिल हों।
- अधिक वजन से बचें क्योंकि यह जोड़ पर दबाव बढ़ाता है।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने से बचना चाहिए।
- धूम्रपान और शराब से दूर रहना लाभकारी है।
- अगर जोड़ में दर्द, सूजन या लालिमा दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आर्थराइटिस के कारण
डॉ. अखिलेश यादव के अनुसार आर्थराइटिस के कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण उम्र बढ़ना, जोड़ पर अधिक दबाव, चोट या इंजुरी, जेनेटिक फैक्टर और ऑटोइम्यून रिएक्शन है।
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में रूमेटॉयड आर्थराइटिस का खतरा अधिक होता है। ओस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर 50 साल के ऊपर के लोगों में देखा जाता है।
अधिक वजन और फिजिकल एक्टिविटी भी जोड़ पर दबाव बढ़ा सकती है। चोट या बार-बार जोड़ पर दबाव डालने वाले खेल और कार्य जैसे भारी वजन उठाना जोखिम बढ़ाते हैं।
धूम्रपान, खराब डाइट और लंबे समय तक चलने वाली सूजन भी आर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा सकती हैं। समय पर पहचान और सावधानी से इस बीमारी को रोका जा सकता है।