बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित चनपटिया विधानसभा सीट को राज्य की महत्वपूर्ण सीटों में गिना जाता है। यह सीट पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और यहां ग्रामीण मतदाताओं का काफी प्रभाव है।
चनपटिया: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनावी बिगुल के साथ ही पश्चिम चंपारण जिले की चनपटिया विधानसभा सीट पर सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। यह सीट पिछले कई चुनावों से राज्य की राजनीतिक रणनीति में महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। 11 नवंबर को यहाँ मतदान होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
चनपटिया विधानसभा सीट पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और इसकी खासियत यह है कि यहाँ ग्रामीण मतदाताओं का वर्चस्व है। जाति समीकरण, बेरोजगारी, बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक मुद्दे यहाँ के मतदाताओं की प्राथमिकता तय करते हैं। पिछले दो विधानसभा चुनावों में भाजपा (BJP) ने यहाँ कब्जा जमाया है, लेकिन 2025 में कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है।
पिछले चुनावों का समीकरण
2020 विधानसभा चुनाव
- 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उमाकांत सिंह ने चनपटिया सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 13,469 वोटों के अंतर से हराया।
- उमाकांत सिंह (BJP): 83,828 वोट (47.69%)
- अभिषेक रंजन (INC): 70,359 वोट (40.03%)
- त्रिपुरारी कृष्ण तिवारी उर्फ मनीष कश्यप (IND): 9,239 वोट (5.26%)
- संतोष कुमार गुप्ता (RLSP): 3,526 वोट (2.01%)
- NOTA: 2,910 वोट (1.66%)
इस चुनाव में NDA की मजबूत पकड़ देखने को मिली थी।
2015 विधानसभा चुनाव
2015 में बीजेपी के प्रकाश राय ने जीत हासिल की थी। उन्होंने जेडीयू के एन.एन. सहाय को मात्र 464 वोटों के अंतर से हराया।
- प्रकाश राय (BJP): 61,304 वोट (39.04%)
- एन.एन. सहाय (JD(U)): 60,840 वोट (38.74%)
- ओम प्रकाश क्रांति (CPI): 10,136 वोट (6.45%)
- मनीष कुमार प्रसाद (IND): 6,446 वोट (4.11%)
- बसंत सिंह (IND): 5,254 वोट (3.35%)
- NOTA: 4,506 वोट (2.87%)
पनिहार चुनाव में बीजेपी और JDU के बीच कड़ी टक्कर रही, जबकि वोट प्रतिशत लगभग बराबर था।
2020 के चुनाव में NDA की जीत और गठबंधन समीकरण
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुए थे। NDA ने कुल 125 सीटें हासिल कर सत्ता पर कब्जा जमाया।
- बीजेपी: 74 सीटें
- JDU: 43 सीटें
- HAM: 4 सीटें
- VIP: 4 सीटें
वहीं, महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं:
- RJD: 75 सीटें
- कांग्रेस: 19 सीटें
- वामपंथी दल (CPI, CPI(M), CPI(ML)): 16 सीटें
उस समय नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA ने सियासी बागडोर संभाली थी। लेकिन अगस्त 2022 में उन्होंने NDA को छोड़ महागठबंधन से हाथ मिलाया, और जनवरी 2024 में फिर NDA में लौट आए। इस तरह की गठबंधन राजनीति ने चनपटिया सीट सहित पूरे पश्चिम चंपारण में सियासी समीकरणों को बदल दिया।
चनपटिया विधानसभा सीट: क्यों है यह चुनाव महत्वपूर्ण?
- ग्रामीण मतदाता और जातिगत समीकरण – चनपटिया की आबादी में कृषि और ग्रामीण रोजगार मुख्य हैं। जातिगत समीकरण अक्सर वोटिंग पैटर्न को तय करते हैं।
- आर्थिक और सामाजिक मुद्दे – बेरोजगारी, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दे मतदाताओं के लिए अहम हैं।
- बीजेपी की पकड़ पर सवाल – पिछली बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन 2025 में महागठबंधन की संभावित ताकत इसे चुनौतीपूर्ण बना रही है।
- महागठबंधन बनाम NDA – एनडीए और महागठबंधन दोनों की रणनीति इस सीट पर निर्णायक हो सकती है।
चनपटिया विधानसभा सीट हमेशा से स्लिम जीत और हार की लड़ाई का मैदान रही है। 2015 में केवल 464 वोटों से भाजपा की जीत ने इसे साबित किया। वहीं, 2020 में बीजेपी ने बढ़त बनाई, लेकिन 2025 में चुनावी समीकरण फिर बदल सकते हैं।