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असम सरकार अगले सत्र में लाएगी 'लव जिहाद और बहुविवाह' विरोधी विधेयक, हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलान

असम सरकार अगले सत्र में लाएगी 'लव जिहाद और बहुविवाह' विरोधी विधेयक, हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलान

असम सरकार अगले विधानसभा सत्र में 'लव जिहाद' और बहुविवाह के खिलाफ नए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को बताया कि नवंबर में होने वाले सत्र में इन मुद्दों पर कानून पेश किए जाएंगे।

गुवाहाटी: असम सरकार अगले विधानसभा सत्र में ‘लव जिहाद’ और बहुविवाह के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि नवंबर में होने वाले सत्र में यह विधेयक पेश किए जाएंगे। इसके अलावा सरकार वैष्णव मठों की जमीनों की सुरक्षा के लिए भी कानूनी कदम उठाएगी।

सरकार ने यह कदम राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को सुरक्षित रखने और समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया है। इस पहल के तहत चाय बागानों के श्रमिकों को जमीन के अधिकार देने पर भी विचार किया जा रहा है। इन विषयों पर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठकों के बाद जारी किए जाएंगे।

लव जिहाद और बहुविवाह पर विधेयक

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लव जिहाद और बहुविवाह के मामलों को लेकर कई बार समाज में तनाव देखा गया है। राज्य सरकार का उद्देश्य इन मामलों को नियंत्रित करना और सामाजिक सद्भाव बनाए रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि नए कानून से कानूनी संरक्षण और पारिवारिक संरचना को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

साथ ही, सरमा ने स्पष्ट किया कि यह कदम किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि राज्य में सामाजिक असमानता और अनुचित विवाह प्रथाओं को रोकने के लिए है।

वैष्णव मठों और चाय बागान श्रमिकों की जमीन की सुरक्षा

सरकार ने घोषणा की कि वैष्णव मठों की जमीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी विधेयक लाया जाएगा। इसके तहत मठों की संपत्तियों को बाहरी दखल से सुरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा चाय बागान श्रमिकों के लिए भी योजना बनाई जा रही है। सरकार विचार कर रही है कि श्रमिकों को जमीन के अधिकार दिए जाएं, ताकि उन्हें अपनी संपत्ति और जीवनयापन की सुरक्षा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमय मौत पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ज़ुबिन की मौत का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। सरमा ने कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने कभी ज़ुबिन का गाना नहीं सुना, अचानक उनके फैंस बन गए हैं। मुख्यमंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और असम में अशांति फैलाने वाला कदम बताया। जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद राज्य में उनके लिए न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए।

सरकार ने नलबाड़ी से ‘मोई जुबिन, अमीउ जुबिन’ अभियान की शुरुआत की। इसका उद्देश्य असली जुबिन फैंस को एकजुट करना और राज्य में सामाजिक अस्थिरता फैलाने की साजिश को रोकना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और राज्य के नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए अहम कदम है।

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