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Chitragupta Puja 2025: जानें क्यों होती है चित्रगुप्त जी की पूजा और इसका धार्मिक महत्व

Chitragupta Puja 2025: जानें क्यों होती है चित्रगुप्त जी की पूजा और इसका धार्मिक महत्व

भाई दूज 2025 पर चित्रगुप्त पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त कलम-दावात और बही-खातों की पूजा कर विद्या, बुद्धि, साहस और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पौराणिक मान्यता अनुसार, चित्रगुप्त यमराज के सहायक और लेखपाल हैं, इसलिए भाई दूज पर उनकी आराधना शुभता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।

Chitragupta Puja: भाई दूज के दिन 25 अक्टूबर को चित्रगुप्त पूजा का महत्व विशेष रूप से देखा जाएगा। इस दिन भक्त अपने घरों में कलम, दावात और बही-खातों की पूजा करते हैं, जिससे विद्या, बुद्धि और साहस की प्राप्ति होती है। भारत सहित अनेक स्थानों पर श्रद्धालु चित्रगुप्त जी की आराधना करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, चित्रगुप्त यमराज के सहायक और लेखपाल हैं, इसलिए भाई दूज पर उनकी पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि, नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

पौराणिक मान्यता और पूजा का महत्व

सनातन धर्म में भाई दूज के दिन चित्रगुप्त पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चित्रगुप्त जी ब्रह्मा जी के चित्त से उत्पन्न हुए थे और यमराज के सहायक माने जाते हैं। उनके हाथ में पृथ्वी पर जन्म लेने वाले समस्त जीवों का लेखा-जोखा होता है। यही कारण है कि भाई दूज यानी यम द्वितीया पर उनकी पूजा की जाती है। इस दिन कलम और दावात की पूजा भी होती है, इसलिए इसे मस्याधार पूजा भी कहा जाता है।

भाई दूज और चित्रगुप्त का संबंध

भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और हाथ का बना भोजन कराती हैं। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के आदर-सत्कार से प्रसन्न होकर वरदान देते हैं कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाकर तिलक और भोजन ग्रहण करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। चूंकि चित्रगुप्त यमराज के सहायक और लेखपाल हैं, इसलिए भाई दूज पर उनकी पूजा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

पूजा विधि और आवश्यक सामग्री

भाई दूज पर चित्रगुप्त जी की पूजा करने के लिए साफ-सुथरा स्थान चुनें और पूजा स्थल पर कलम, दावात और बही-खाता रखें। पूजा के दौरान कलम-दावात पर दीपक जलाकर उन्हें सम्मान दें। भक्त इस दिन पूजा करते समय भगवान चित्रगुप्त से विद्या, बुद्धि, साहस और लेखन में कुशलता की कामना करते हैं।

आशीर्वाद और लाभ

चित्रगुप्त जी की पूजा करने वाले भक्तों को न केवल विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि व्यापार और करियर में तरक्की के योग भी बनते हैं। साथ ही लेखन और प्रशासनिक कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है। इस दिन दान-पुण्य करना भी बेहद शुभ माना जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य आता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भाई दूज पर चित्रगुप्त पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह दिन भाई-बहन के प्रेम और आस्था को मजबूत करता है। पूजा के माध्यम से परिवार के सदस्य न केवल आध्यात्मिक लाभ पाते हैं, बल्कि सामाजिक और नैतिक शिक्षा भी प्राप्त करते हैं।

वर्ष 2025 में भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा का अवसर 25 अक्टूबर को है। इस दिन श्रद्धालु कलम-दावात और बही-खातों की पूजा कर विद्या, बुद्धि, साहस और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते में मिठास लाता है और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

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