भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन पर अंतरिक्ष पहुंचे। पहला संदेश भेजते हुए उन्होंने माइक्रोग्रैविटी अनुभव साझा किया और कहा, "मैं एक बच्चे की तरह सब कुछ सीख रहा हूं।"
Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी है। अंतरिक्ष में पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद शुभांशु ने अंतरिक्ष से अपना पहला वीडियो संदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने अपने रोमांच, अनुभव और भावनाएं साझा की हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा के साथ शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए हैं।
अंतरिक्ष से पहला संदेश
अपने पहले वीडियो संदेश में शुभांशु शुक्ला ने कहा, "सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर रोमांचित हूं। वाह, यह कैसी यात्रा थी। जब मैं लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था, तो मेरे दिमाग में बस यही ख्याल था कि चलो बस चलते हैं।" उन्होंने बताया कि जैसे ही यात्रा शुरू हुई, उन्हें अपनी सीट की ओर पीछे धकेला गया और फिर अचानक सब कुछ शांत हो गया। उन्होंने माइक्रोग्रैविटी के अपने पहले अनुभव को साझा करते हुए कहा कि अब वह शून्य में तैर रहे हैं और एक बच्चे की तरह अंतरिक्ष में जीने का तरीका सीख रहे हैं।
शुभांशु की टीम में कौन-कौन शामिल
Axiom-4 मिशन पर चार अंतरिक्ष यात्री सवार हैं। शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिकी कमांडर पैगी व्हिटसन हैं जो NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री रह चुकी हैं और तीन अंतरिक्ष मिशनों का अनुभव रखती हैं। इनके अलावा हंगरी के मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी इस मिशन का हिस्सा हैं। इस टीम का प्रक्षेपण स्पेसएक्स (SpaceX) के फाल्कन 9 रॉकेट से फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से हुआ।
माइक्रोग्रैविटी का अनुभव
शुभांशु ने बताया कि जैसे ही वे माइक्रोग्रैविटी के वातावरण में पहुंचे, उन्हें लगा कि वे किसी नए संसार में आ गए हैं। सब कुछ तैरता हुआ नजर आता है और हर गतिविधि जैसे चलना, खाना, हाथ हिलाना भी एक अलग अनुभव बन जाता है। उन्होंने कहा, "मैं यहां एक बच्चे की तरह हूं। हर काम सीखना पड़ रहा है, यहां तक कि खाना कैसे खाना है, यह भी।"
ऐतिहासिक लॉन्च: भारतीयों के लिए गर्व का क्षण
इस उड़ान को दुनिया भर में लाखों लोगों ने लाइव देखा। भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका में लॉन्च के दौरान वॉच पार्टियों का आयोजन किया गया था। भारत में लखनऊ से लेकर बुडापेस्ट, डांस्क और ह्यूस्टन तक के लोग इस पल का गवाह बने। शुभांशु का यह लॉन्च उसी ऐतिहासिक LC-39A लॉन्चपैड से हुआ, जहां से जुलाई 1969 में अपोलो 11 मिशन ने चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी। यह भारत के लिए गर्व का क्षण था क्योंकि शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
कई बार टला मिशन, फिर भी नहीं रुका हौसला
Axiom-4 मिशन को शुरुआत में 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन खराब मौसम और तकनीकी समस्याओं के कारण इसे कई बार टालना पड़ा। स्पेसएक्स, नासा और एक्सिओम की टीमों ने लगभग एक महीने की मेहनत के बाद तकनीकी खामियों को दूर कर प्रक्षेपण को सफल बनाया। इस मिशन की कामयाबी ने भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है।
शुभांशु शुक्ला: भारतीय वायुसेना से अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक
39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं और वह उन चुनिंदा व्यक्तियों में से हैं जिन्हें गहन प्रशिक्षण के बाद Axiom स्पेस मिशन में शामिल किया गया। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से अंतरिक्ष के लिए विशेष प्रशिक्षण लिया था। उनका यह मिशन सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।