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B-2 Stealth Bomber: B-2 स्टील्थ बॉम्बर से अमेरिका का हमला, ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त

B-2 Stealth Bomber: B-2 स्टील्थ बॉम्बर से अमेरिका का हमला, ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त

अमेरिका ने अपने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स से ईरान की फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया। B-2 की मारक क्षमता और रणनीति ने दुनिया को चौंकाया।

B-2 Stealth Bomber: अमेरिका ने हिंद महासागर के मध्य स्थित डिएगो गार्सिया द्वीप से B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर की तैनाती की थी। इसी गुप्त सैन्य अड्डे से उड़ान भरकर अमेरिकी विमानों ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर हमला किया। ये हमले इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की रणनीति का हिस्सा थे।

B-2 स्पिरिट: अमेरिकी वायुसेना का अदृश्य हथियार

B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का सबसे उन्नत और महंगा हथियार है। इसकी कीमत लगभग 2 बिलियन डॉलर प्रति यूनिट है। यह विमान रडार की पकड़ में नहीं आता, जिससे यह शत्रु की नजरों से बचकर हमला कर सकता है। अमेरिका के पास फिलहाल सिर्फ 20 B-2 विमान हैं। यह विमान शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के खिलाफ डिज़ाइन किया गया था, लेकिन आज भी इसे दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिना जाता है।

तकनीकी विशेषताएं: रफ्तार, रेंज और शक्ति

B-2 बॉम्बर की लंबाई 69 फीट, पंखों की चौड़ाई 172 फीट और ऊंचाई 17 फीट है। इसका खाली वजन 71,700 किलोग्राम है और यह अधिकतम 1.70 लाख किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम गति 1010 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह सामान्यतः 900 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ता है। यह 50,000 फीट (लगभग 15 किमी) की ऊंचाई तक उड़ सकता है।

11000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता

इस बॉम्बर की ऑपरेशनल रेंज 11000 किलोमीटर है। यदि हवा में ईंधन भरा जाए तो यह इससे भी लंबी दूरी तक जा सकता है। इसे केवल दो लोग—एक पायलट और एक मिशन कमांडर—संचालित करते हैं। इसकी लंबी दूरी और रडार से बच निकलने की क्षमता इसे किसी भी रणनीतिक हमले के लिए आदर्श बनाती है।

हथियारों की जबरदस्त क्षमता

B-2 बॉम्बर अपनी दो आंतरिक बे में कई तरह के हथियार ले जा सकता है। यह एक साथ 80 छोटे बम (230 किग्रा के Mk-82) या 36 क्लस्टर बम (CBU) ले सकता है। इसके अलावा यह 16 B61 या B83 न्यूक्लियर बम भी ले जाने में सक्षम है। खास बात यह है कि यह विमान दो GBU-57 बंकर बस्टर बम भी ले सकता है, जो 13,600 किग्रा के होते हैं और गहरे भूमिगत बंकरों को भी नष्ट कर सकते हैं।

फोर्डो साइट को ध्वस्त करने की क्षमता

ईरान की फोर्डो परमाणु साइट एक पहाड़ के नीचे 80 मीटर गहराई में स्थित है। इसे पारंपरिक बमों से नष्ट करना लगभग असंभव है। लेकिन B-2 द्वारा ले जाए गए GBU-57 MOP बम इसे नष्ट करने में सक्षम हैं। ये बम 200 फीट तक मिट्टी और 60 फीट तक कंक्रीट को भेद सकते हैं। B-2 इस बम को ले जाने वाला इकलौता विमान है।

अमेरिकी ऑपरेशन का कार्यान्वयन

22 जून 2025 को अमेरिकी B-2 बॉम्बर्स ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान साइट्स पर एक साथ हमले किए। प्रत्येक साइट पर दो GBU-57 बम गिराए गए। इस हमले ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर क्षति पहुंचाई। हालांकि ईरान की ओर से इस पर अलग राय है। ईरान का कहना है कि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और परमाणु सुविधाएं सुरक्षित हैं।

डिएगो गार्सिया: रणनीतिक अड्डा

डिएगो गार्सिया एक छोटा द्वीप है जो अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त सैन्य अड्डा है। यह ईरान से लगभग 4800 किमी और इजरायल से 5800 किमी दूर स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे मध्य-पूर्व में निगरानी और हमले के लिए आदर्श बनाती है। B-2 की लंबी रेंज इसे यहां से ईरान तक कुछ ही घंटों में पहुंचा सकती है।

अमेरिकी सैन्य तैनाती

अमेरिका ने सिर्फ B-2 बॉम्बर्स ही नहीं, बल्कि F-16 फाइटर जेट्स, B-52 बॉम्बर्स और नौसेना के युद्धपोतों की भी तैनाती की है। इससे यह साफ होता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी को गंभीरता से ले रहा है और जरूरत पड़ने पर बड़ा सैन्य अभियान चला सकता है।

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