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बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में रोजगार का बड़ा मौका, 2030 तक 2.5 लाख नई नौकरियां

बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में रोजगार का बड़ा मौका, 2030 तक 2.5 लाख नई नौकरियां

बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में 2030 तक 10% ग्रोथ के साथ करीब 2.5 लाख नई स्थायी नौकरियां मिलने की संभावना है। 2025 की पहली छमाही में हायरिंग में 27% बढ़ोतरी हुई। डिजिटल, कम्प्लायंस और फ्रंटलाइन रोल्स में तेजी से मांग बढ़ रही है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।

नई दिल्ली: एडेको इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में 2030 तक करीब 2.5 लाख स्थायी नौकरियां बनेंगी, जिससे 10% की ग्रोथ होगी। 2025 की पहली छमाही में हायरिंग में 27% वृद्धि दर्ज की गई है। डिजिटल वेल्थ, कम्प्लायंस, एआईएफ/पीएमएस और फ्रंटलाइन रोल्स में मिडिल से सीनियर लेवल की मांग बढ़ रही है। टेक्नोलॉजी बेस्ड बैंकिंग, एमएसएमई और ग्रामीण लोन, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्योरेंस और साइबर रिस्क्स में हायरिंग में 6-10% की ग्रोथ देखी गई है।

हायरिंग में लगातार बढ़ोतरी

एडेको इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में चालू वित्त वर्ष में 8.7 प्रतिशत और 2030 तक 10 प्रतिशत तक ग्रोथ होने की संभावना है। इससे न केवल मेट्रो शहरों में बल्कि छोटे शहरों और टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

एडेको इंडिया के डायरेक्टर कार्तिकेयन केसवन ने कहा कि डिजिटल, फ्रंटलाइन और कम्प्लायंस जॉब्स में तेजी से भर्ती हो रही है। खासकर ईएसजी स्ट्रैटेजी, एआईएफ/पीएमएस कम्प्लायंस और डिजिटल वेल्थ मैनेजमेंट जैसी भूमिकाओं में मिडिल से सीनियर स्तर की हायरिंग में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। यह क्षेत्र कुछ साल पहले इतने बड़े नहीं थे।

डिजिटल और टेक्नोलॉजी बेस्ड हायरिंग

बैंकिंग सेक्टर में टेक्नोलॉजी और कम्प्लायंस बेस्ड हायरिंग में 9.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पब्लिक और प्राइवेट बैंक कोर बैंकिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने, क्लाउड बेस्ड सिस्टम्स, चैटबॉट्स और डिजिटल एप्लिकेशन को बेहतर बनाने के लिए टैलेंटेड डिजिटल टीम्स बना रहे हैं।

इसके अलावा, एमएसएमई और ग्रामीण इलाकों में लोन की मांग बढ़ने से लोन अंडरराइटिंग, कलेक्शन और रेगुलेटरी कम्प्लायंस में 7 से 8.25 प्रतिशत की हायरिंग ग्रोथ देखी गई है। इसका मतलब है कि ग्रामीण और छोटे शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

इंश्योरेंस सेक्टर में डिजिटल बदलाव

इंश्योरेंस सेक्टर में भी हायरिंग में तेजी देखी जा रही है। डिजिटल अंडरराइटर्स, एआई बेस्ड क्लेम स्पेशलिस्ट्स, फ्रॉड डिटेक्शन एनालिस्ट्स और डिजिटल असेसर्स जैसी भूमिकाओं में 6 से 9 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है।

आईआरडीएआई के टेक्नोलॉजी आधारित प्रोसेस पर जोर देने के कारण टेक्निकल और ट्रेडिशनल दोनों ही क्षेत्रों में हर साल 5 से 7 प्रतिशत की नई हायरिंग हो रही है। इसका मतलब है कि इंश्योरेंस सेक्टर में भी डिजिटल बदलाव रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

फाइनेंशियल सर्विसेज में रोजगार की बढ़ती मांग

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में म्यूचुअल फंड्स और ब्रोकरेज हाउस अपने एडवाइजरी नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं। वहीं फिनटेक कंपनियां पर्सनल फाइनेंस के लिए टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट टीम्स को मजबूत कर रही हैं।

इसके कारण फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में हायरिंग लगातार बढ़ रही है। रेगुलेटरी और साइबर रिस्क्स ने भी कम्प्लायंस और फ्रॉड डिटेक्शन रोल्स की मांग बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में साइबर और डिजिटल फाइनेंशियल सेवाओं के क्षेत्र में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ेंगे।

छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार

विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में 2030 तक स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। टियर-2 और टियर-3 शहरों में वित्तीय सेवाओं की बढ़ती मांग और डिजिटल हायरिंग में तेजी से नई नौकरियां पैदा होंगी।

मिडिल और सीनियर लेवल के रोल्स में भी भर्ती में वृद्धि होगी। डिजिटल वेल्थ, फ्रॉड डिटेक्शन, साइबर सिक्योरिटी, ईएसजी और एआई आधारित प्रोसेस के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर लगातार खुलेंगे। 

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