दिवाली से पहले आरबीआई के नए चेक क्लीयरिंग सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण सेम-डे क्लीयरिंग नहीं हो पा रही है। व्यापारी और आम लोग 10-12 दिन तक चेक क्लियर न होने से परेशान हैं। CTI ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तकनीकी खामियों और स्टाफ ट्रेनिंग की कमी की शिकायत की है।
Cheque Clearing: भारतीय रिजर्व बैंक के 4 अक्टूबर को लागू किए गए नए चेक क्लीयरिंग सिस्टम में दिवाली से पहले तकनीकी खामियों के कारण चेक समय पर क्लियर नहीं हो रहे हैं। व्यापारी और आम लोग 10-12 दिन तक पेमेंट न होने से परेशान हैं। CTI ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्टाफ ट्रेनिंग और तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायत की है। नए सिस्टम की वजह से व्यापार और खरीददारी प्रभावित हो रही है, कई बैंकों में NEFT और UPI पेमेंट में भी दिक्कतें आ रही हैं।
CTI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
कॉनफेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (CTI) ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि नया सिस्टम व्यापारियों और आम लोगों पर भारी पड़ रहा है। उनका कहना है कि आरबीआई ने 4 अक्टूबर को नया चेक क्लीयरिंग सिस्टम लागू किया था, जिसमें चेक को उसी दिन क्लियर करने का वादा किया गया था। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह उलट हो गई है और बैंक तकनीकी गड़बड़ी और अपर्याप्त स्टाफ प्रशिक्षण का हवाला देकर समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं।
दिवाली के मौके पर लेन-देन बाधित
दिवाली के पर्व के समय कारोबारियों की पेमेंट अटकने लगी है। व्यापारी एक-दूसरे को समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे हैं और कई आदेश कैंसिल हो रहे हैं। इससे न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा है, बल्कि दीवाली की खरीदारी और अन्य वित्तीय लेन-देन भी बाधित हो गए हैं। बैंकों में लंबी कतारें और ग्राहकों का आक्रोश इस स्थिति को और बढ़ा रहा है।
डिजिटल पेमेंट में भी समस्या
सिर्फ चेक ही नहीं, बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली में भी कुछ बैंकों के ग्राहकों को परेशानी हो रही है। कई बैंक ने NEFT और UPI जैसे ऑनलाइन भुगतान के लिए ऐप अपडेट और सर्वर समस्याओं का हवाला दिया है। इसका असर आम लोगों के लेन-देन और दुकानदारों की बिक्री पर पड़ रहा है।
चेक क्लीयरिंग की स्थिति
CTI के अनुसार, शुरुआत में व्यापारी नए सिस्टम को लेकर आशान्वित थे क्योंकि एक दिन में चेक क्लियर होने से कामकाज में तेजी आने की उम्मीद थी। लेकिन इसके लागू होने के बाद से ही कई बैंकों में चेक क्लीयरेंस सिस्टम चरमराने लगा है। कुछ बैंकों ने तो चेक लेने से ही मना कर दिया है। वहीं, कई जगह बैंक स्टाफ यह कहकर लेन-देन टाल रहे हैं कि अभी चेक जमा मत कराएं।
व्यापारियों में असंतोष
बैंकों में चेक क्लीयरिंग की समस्या से व्यापारियों में असंतोष और तनाव बढ़ गया है। कई जगह छोटे और बड़े व्यापारियों के बीच झगड़े भी देखने को मिले हैं। व्यापारी अब अपने भुगतान के लिए NEFT या RTGS जैसे विकल्प अपनाने को मजबूर हो रहे हैं। CTI का कहना है कि दिवाली जैसे व्यस्त और महत्वपूर्ण समय में बैंकों की यह तकनीकी खामियां व्यापारियों के लिए बड़ा झटका हैं।
तकनीकी गड़बड़ियों और स्टाफ प्रशिक्षण की कमी
बृजेश गोयल ने कहा कि बैंकों में न तो स्टाफ पूरी तरह प्रशिक्षित है और न ही नया सिस्टम ठीक से काम कर रहा है। तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से सिस्टम में लगातार देरी हो रही है। इससे व्यापारिक गतिविधियों में बाधा आ रही है और आम जनता भी अपने वित्तीय लेन-देन में असमर्थ हो रही है।
व्यापार और आम लोगों के लिए चुनौती
दिवाली के मौके पर बैंकों में चेक क्लीयरिंग में देरी और डिजिटल भुगतान प्रणाली की बाधाएं व्यापारियों और आम लोगों के लिए गंभीर चुनौती बन गई हैं। व्यापारियों की आय और लेन-देन प्रभावित होने से बाजार की रफ्तार धीमी हो गई है। CTI ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इस मामले को जल्द सुलझाने की अपील की है ताकि त्योहार के समय वित्तीय गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकें।
दिवाली से पहले बैंकों में यह तकनीकी अड़चन यह स्पष्ट कर रही है कि वित्तीय प्रणाली में सुधार और स्टाफ प्रशिक्षण पर और ध्यान देने की आवश्यकता है। व्यापारियों और आम जनता की समस्याओं का समाधान न होने पर कारोबार और खरीदारी प्रभावित हो सकती है।