बांग्लादेश में पूर्व मंत्री हुमायूं की मौत के बाद वायरल तस्वीर में उन्हें हथकड़ी में दिखाया गया। जेल और अस्पताल ने इसे भ्रामक बताया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे संवैधानिक और मानवीय उल्लंघन करार दिया।
Dhaka: बांग्लादेश में पूर्व उद्योग मंत्री और प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी सहयोगी नुरुल माजिद महमूद हुमायूं की मौत के बाद एक तस्वीर ने हंगामा खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस तस्वीर में 75 वर्षीय हुमायूं को अस्पताल के बिस्तर पर हथकड़ी में दिखाई गया। तस्वीर के वायरल होने के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और आम जनता ने इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए निंदा की।
सोशल मीडिया में फैल गया विवाद
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि हुमायूं ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के ICU में इलाज के दौरान हथकड़ी में थे। कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि उनकी मौत के बाद भी हथकड़ी नहीं हटाई गई। इस दावे ने नागरिकों और मानवाधिकार समूहों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी।
जेल प्रशासन का जवाब
हालांकि, बांग्लादेश जेल प्रशासन ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज किया। उनके अनुसार वायरल तस्वीर ICU के दौरान की नहीं है और इसे भ्रामक बताया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक सुरैया अख्तर ने कहा कि कभी-कभी सुरक्षा कारणों से कैदियों को अस्पताल में हथकड़ी लगाई जाती है। हो सकता है कि तस्वीर हुमायूं की पहली अस्पताल यात्रा की हो, जब उन्हें सुरक्षा के तहत लाया गया था।
अस्पताल का बयान
ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद असदुज्जमान ने स्पष्ट किया कि वायरल फोटो ICU में भर्ती के समय की नहीं है। उन्होंने कहा, “हुमायूं को पहली बार अस्पताल लाने पर जेल पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। हमारी जिम्मेदारी केवल इलाज करना थी। ICU में भर्ती रहने के दौरान कोई हथकड़ी नहीं लगाई गई थी।”
मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया
वायरल तस्वीर के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे अमानवीय और संवैधानिक उल्लंघन करार दिया। नूर खान लिटन ने कहा, “मरते हुए या मृत व्यक्ति के हाथों में हथकड़ी रखना मानव गरिमा का हनन है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।” वकील अबू ओबायदुर रहमान ने कहा कि यह घटना हाईकोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन दर्शाती है। उन्होंने जेल कोड का हवाला देते हुए बताया कि बीमार और बुजुर्ग कैदियों के साथ हथकड़ी नहीं लगाई जानी चाहिए।
मानवाधिकार वकील ज्योतिर्मय बरुआ ने इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने अनुच्छेद 27 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कानून का चयनात्मक उपयोग दिखाता है। बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति के साथ इस तरह का बर्ताव अधिनायकवादी प्रवृत्तियों को उजागर करता है।
सरकार का रुख
बांग्लादेश के गृह सचिव मोहम्मद नसीमुल गनी ने तस्वीर को फर्जी बताते हुए कहा कि इसे हालिया मौत के बाद भ्रामक प्रचार के लिए फैलाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व मंत्री का इलाज परिवार और डॉक्टरों की मौजूदगी में किया गया। यदि किसी को संदेह है, तो जांच कराई जा सकती है।